स्त्रियों के पहनने की एक प्रकार की अँगिया ; चोली 4. कुरते के ढंग का एक प्रकार लंबा पहनावा जिसे चोला कहते हैं 5. मंजीठ 6. छाल ; वल्कल 7. कवच।
42.
साजन ने बैठकर बिस्तर पर, मेरे कंधे सहलाए सखी गालों पर गहन चुम्बन लेकर, अंगिया की डोर को खींच दिया उस रात की बात न पूँछ सखी, जब साजन ने खोली अँगिया
43.
साजन का दस अंगुल का अंग, सखी मेरी तरफ था देख रहा उसकी बेताबी समझ सखी, मैंने उसको होठास्थ किया उस रात की बात न पूँछ सखी, जब साजन ने खोली अँगिया
44.
साजन ने झुककर पीछे से, अंग ऊपर से नीचे चाट लिया खुले-उभरे अंग में उसने, जिह्वा को अंग बनाय दिया उस रात की बात न पूँछ सखी, जब साजन ने खोली अँगिया
45.
साजन ने उठाकर मुझे सखी, पलंग के नीचे फिर खड़ा किया खुद बैठा पलंग किनारे पर, मेरा एक-एक वस्त्र उतार दिया उस रात की बात न पूँछ सखी, जब साजन ने खोली अँगिया
46.
करवट तो मात्र बहाना था, बैचेन बदन को चैन कहाँ मुझे साजन की खुसबू ने सखी, अंग लगने को मजबूर किया उस रात की बात न पूँछ सखी, जब साजन ने खोली अँगिया
47.
मैं मैके अपने आई सखी, कई दिन साजन से दूर रही मन मयूर मेरा नाच उठा, जब साजन मेरे घर आया उस रात की बात न पूँछ सखी, जब साजन ने खोली अँगिया
48.
मैं पलंग किनारा पकड़ सखी, अंग को उभार कर खड़ी हुई साजन ने मेरे नितम्बों पर, दांतों से सिक्के छाप दिया उस रात की बात न पूँछ सखी, जब साजन ने खोली अँगिया
49.
जैसे-तैसे तो शाम हुई, रात्रि तो मुझे बड़ी दूर लगी होते ही रात सखी साजन को, बहनों ने मेरी घेर लिया उस रात की बात न पूँछ सखी, जब साजन ने खोली अँगिया
50.
मैंने अंग में महसूस करी, अंग की कठोर पर मधुर छुहन अंग की रसमय मधुशाला में, अंग ने अंग को मदहोश किया उस रात की बात न पूँछ सखी, जब साजन ने खोली अँगिया