| 41. | रख दिया था हाथ पर अंगार तुमने।
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| 42. | अंगार और श्रृंगार के कवि: 'क्रान्त'जी (
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| 43. | शोलों सी यह चिर प्रतीक्षा, और मेरा अंगार मन.
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| 44. | हर तरफ अंगार हैं, हर तरफ हैं खाईयाँ।
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| 45. | हमारे हाथ में रक्खे रहे अंगार मौलाना
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| 46. | इंगित में अंगार विवश भावों के चमक रहा हो;
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| 47. | माघ: कोहरे में अंगार की सुलगन
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| 48. | चिंगारी भड़क कर ही अंगार बनती है,
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| 49. | तीसरे नेत्र के अंगार भूले है,
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| 50. | “फूंकौ फूल पलास के आज ज्वाल अंगार,
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