| 41. | सीने में वो जो दर्द उठा चलो उसको अजल कह देते '
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| 42. | ” अजल से वे डरें जीने को जो अच्छा समझते हैं।
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| 43. | ग़ज़ल “बह रही गंगा अजल से पापियों के वास्ते” " संदीप भाई बहुत सुन्दर!
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| 44. | इधर मैं हूँ, उधर मैं हूँ, अजल तू बीच में क्या है?
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| 45. | सीने में वो जो दर्द उठा चलो उसको अजल कह देते हैं
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| 46. | रिसाला जज़ीर ए ख़िज़रा के सफ़ा 1 पर है कि शेख़ अजल सईद
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| 47. | मैं-अजल से गाता रहा..... तुम-अजल से सुनती रही...
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| 48. | मैं-अजल से गाता रहा..... तुम-अजल से सुनती रही...
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| 49. | एक मुद्दत से बीमार रहने के बाद आज दाइए अजल को लब्बैक कहा.
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| 50. | लब पे हल्की सी मुस्कुराहट को, जिन्दगी कह दे या अजल कह दे,
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