| 41. | चूंकि पुरुष के शुक्राणु 2 से 5 दिन तक जीवित रह सकते हैं लेकिन महिला का अण्डाणु 12 से 24 घंटे ही जीवित रह सकता है.
|
| 42. | चूंकि पुरुष के शुक्राणु 2 से 5 दिन तक जीवित रह सकते हैं लेकिन महिला का अण्डाणु 12 से 24 घंटे ही जीवित रह सकता है.
|
| 43. | (गर्भाधान की क्रिया के दौरान जब पुरूष का एक्स शुक्राणु स्त्री के किसी अण्डाणु से निषेचन क्रिया करता है, तो जन्मने वाली संतान लड़की होती है।
|
| 44. | इसके मुताबिक औसतन महिलाएं 3 लाख उर्वर अण्डाणु पैदा करती हैंए लेकिन उनका अण्डाणुओं का संचय उम्र बढ़ने के साथ तेजी से कम होने लगता है।
|
| 45. | इसके मुताबिक औसतन महिलाएं 3 लाख उर्वर अण्डाणु पैदा करती हैंए लेकिन उनका अण्डाणुओं का संचय उम्र बढ़ने के साथ तेजी से कम होने लगता है।
|
| 46. | जन्तुओं के मादा के अण्डाणु और नर के शुक्राणु मिलकर एकाकार हो जाते हैं और नये ' जीव' का सृजन करते हैं; इसे गर्भधारण या निषेचन (
|
| 47. | चूंकि पुरुष के शुक्राणु 2 से 5 दिन तक जीवित रह सकते हैं लेकिन महिला का अण्डाणु 12 से 24 घंटे ही जीवित रह सकता है.
|
| 48. | यहीँ पर अंडा निषेचित (फर्टिलाइज्ड) होता है और पाँच दिनोँ मेँ यह निषेचित अण्डाणु गर्भाशय मेँ पहुचँकर उसकी लाइनिँग से जुड़कर बड़ा होने लगता है
|
| 49. | यदि शुक्राणु को महिला में निषेचन द्रव्य मिल जाता है तो वे वहां एक सप्ताह तक जीवित रहकर निषेचन के लिये अण्डाणु का इंतजार करते हैं.
|
| 50. | डायबीटीज या हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां होने के कारण अण्डाणु कम बनते हैं या उम्र के कारण गर्भाशय में परिवर्तन होने लगते हैं और डिलीवरी कठिन हो जाती है।
|