यह विशेष उल्लेखनीय है कि जिन परमाणुओं में बाह्य इलेक्ट्रॉनों की संख्या 5 अथवा 7 है उनमें संक्रमण ताप उच्चतम होता है और अतिचालकता का गुण भी उत्कृष्ट होता है।
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यह विशेष उल्लेखनीय है कि जिन परमाणुओं में बाह्य इलेक्ट्रॉनों की संख्या 5 अथवा 7 है उनमें संक्रमण ताप उच्चतम होता है और अतिचालकता का गुण भी उत्कृष्ट होता है।
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बहुत पहले साइंटिफिक अमेरिकन में जोसेफसन के बारे में पढा था कि कैसे अतिचालकता (सुपरकंडक्टिविटि) पर काम कर नोबल पुरस्कार पाने के बाद वे कांससनेस (चेतना) पर शोध करने लगे थे।
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६) इनके अतिरिक्त अतिचालक ट्रांसमिशन लाइने, विद्युतचुम्बक, रेडियो-आवृत्ति कैविटी, अतिचालक ट्रांजिस्टर, अतिचालक इलेक्ट्रॉन-पुंज लेंस (सुपरट्रॉनी), अतिचालक बीयरिंग, बोलोमीटर (एक विकिरण संसूचक युक्ति), आदि में भी अतिचालकता का प्रयोग हो रहा है।
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शून्य प्रतिरोधकता के अलावा अतिचालकता की दशा में पदार्थ के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र भी शून्य हो जाता है जिसे मेसनर प्रभाव (Meissner effect) के नाम से जाना जाता है ”
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कुछ विशेष परिस्थितियों मे किसी धातु या चालक की विधुत चालकता इतनी बढ़ जाती है कि वह सामान्य विधुतीय नियमों का भी उलंधन करने लगती है ऐसी स्तिथि को अतिचालकता कहते हैं.
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यहाँ एक बात विशेष है कि जिन परमाणुओं के बाह्य कोष इलेक्ट्रॉनों की संख्या 5 अथवा 7 है उनमें संक्रमण ताप उच्चतम होता है और अतिचालकता का गुण भी उत्कृष्ट होता है.
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६) इनके अतिरिक्त अतिचालक ट्रांसमिशन लाइने, विद्युतचुम्बक, रेडियो-आवृत्ति कैविटी, अतिचालक ट्रांजिस्टर, अतिचालक इलेक्ट्रॉन-पुंज लेंस (सुपरट्रॉनी), अतिचालक बीयरिंग, बोलोमीटर (एक विकिरण संसूचक युक्ति), आदि में भी अतिचालकता का प्रयोग हो रहा है।
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बहुत पहले साइंटिफिक अमेरिकन में जोसेफसन के बारे में पढा था कि कैसे अतिचालकता (सुपरकंडक्टिविटि) पर काम कर नोबल पुरस्कार पाने के बाद वे कांससनेस (चेतना) पर शोध करने लगे थे।
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क्वांटम यांत्रिकी की सबसे बड़ी सफलता इस बात में है कि धातुओं और अर्धचालकों में इलेक्ट्रॉनीय चालकता की प्रकृति इसके द्वारा ठीक-ठीक समझी जा सकी है, किंतु निम्न ताप पर प्रदर्शित होनेवाली अतिचालकता के गुण की व्याख्या अभी तक क्वांटम यांत्रिकी के आधार पर नहीं की जा सकी है।