इस प्रकार यह नया वर्ष भारत एवं एशियाई क्षेत्र के देशों के लिए ठीक तो है, लेकिन इस वर्ष में धार्मिक कट् टरपंथी वालों देशों को अपने अंदर बदलाव लाना चाहिये अन्यथा उन्हें अत्यधिक हानि उठानी पड़ सकती हैं, साथ ही साथ विश् व में भी अशांति के कारण बन सकते हैं ।