इसके लिए जो युक्ति दी जाती है वह आमतौर कच्चे यांत्रिक तर्क के तौर पर लागू होते हैं, जैसे कि कम कसाववाले तार का आधार अधिक उछाल देने वाला होता है और इसलिए अधिक शक्ति प्रदान करता है.
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[11] इसके लिए जो युक्ति दी जाती है वह आमतौर कच्चे यांत्रिक तर्क के तौर पर लागू होते हैं, जैसे कि कम कसाववाले तार का आधार अधिक उछाल देने वाला होता है और इसलिए अधिक शक्ति प्रदान करता है.
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पीसीए अधिकारियो ने कहा कि पारंपरिक तौर पर मोहाली की पिच को तेज गेदबाजो के लिए फांयदेमंद माना जाता है लेकिन पिछले कुछ दिनो मे मौसम मे आए बदलाव के मद्देनजर तेज गेदबाजो को पिच पर अधिक उछाल मिलने की उ
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प्राथमिकताओं की प्रतिक्रिया में सुधार करने के लिए आकस्मिक योजना, समन्वय, वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर बहुत अधिक उछाल क्षमता और मजबूत प्रयोगशाला की क्षमता के लिए बेहतर व्यवस्था और सूचना प्रौद्योगिकी के लिए प्रणाली का विकास भी शामिल हैं।
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पीसीए अधिकारियो ने कहा कि पारंपरिक तौर पर मोहाली की पिच को तेज गेदबाजो के लिए फांयदेमंद माना जाता है लेकिन पिछले कुछ दिनो मे मौसम मे आए बदलाव के मद्देनजर तेज गेदबाजो को पिच पर अधिक उछाल मिलने की उम्मीद है।
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करीबन दस साल पहले जब ये “ दिन ” भारत के बाज़ार में आया तब किसी ने नहीं सोचा था कि “ बाज़ार ” में प्यार के दाम में इतना अधिक उछाल आ जायेगा कि बाकि सब ऐतिहासिक दिन पीछे छूट जायेंगे।
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मुंबई, 29 जुलाई (आईएएनएस)। देश की तीसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी विप्रो के शेयरों में सोमवार को नौ फीसदी से अधिक उछाल देखी गई। कंपनी ने शुक्रवार को मौजूदा कारोबारी साल की पहली तिमाही के लिए अपने परिणाम की घोषणा की थी।
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कुछ हद तक रैकेट तकनीक में हुई प्रगति के कारण, आज के क्ले कोर्ट लम्बे और जीत दिलाने वाले ग्राउंडस्ट्रोक्स के लिए प्रसिद्ध हैं जिनसे भरी टॉपस्पिन शॉट पैदा होते हैं, ये ऐसे स्ट्रोक हैं जो तेज़ और गेंद को अधिक उछाल न देने वाले मैदानों पर बहुत अधिक प्रभावकारी नहीं होते हैं.
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कुछ हद तक रैकेट तकनीक में हुई प्रगति के कारण, आज के क्ले कोर्ट लम्बे और जीत दिलाने वाले ग्राउंडस्ट्रोक्स के लिए प्रसिद्ध हैं जिनसे भरी टॉपस्पिन शॉट पैदा होते हैं, ये ऐसे स्ट्रोक हैं जो तेज़ और गेंद को अधिक उछाल न देने वाले मैदानों पर बहुत अधिक प्रभावकारी नहीं होते हैं.
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दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ के सूत्र बताते हैं कि भारतीय टीम के स्थानीय गेंदबाज ईशांत शर्मा और उत्तर प्रदेश के भुवनेश्वर कुमार को ध्यान में रखकर कोटला की पिच को इस तरह बनाया गया, जहां उनकी गेंदों को जरूरत से अधिक उछाल न मिले और उनके सफल होने की सम्भावना हमेशा बरकरार रहे।