प्रतिवादी सं0-1 अतिचारी का किसी तरह का कब्जा मकान निजाई अथवा उसके किसी अंश पर नही हुआ है और वादीगण व प्रतिवादी सं0-2 व 3 मुश्तरकन अध्यासन में है।
42.
इन परिस्थितियों में उपरोक्त दस्तावेजों का उपे. पदजमतचतमजंजपवद करते हुए विद्धान विचारण न्यायालय द्वारा विवादित वन क्षेत्र में उत्तरदाता-वादी की रिहायष और स्थापित अध्यासन मान लिया गया है जो गलत है।
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अपीलाण्ट द्वारा यह भी आधार लिया गया कि वर्तमान चालानी नक्शे में प्रदर्शित भूमि में अध्यासी का कोई अध्यासन नहीं रहा है जिसे वह शुरू से आज तक कहते आ रहा है।
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अब इस प्रश्न का निर्धारण किया जाना है कि विवादित भूमि पर स्थित कमरों का निर्माण प्रतिवादी द्वारा दौरान वाद कराया गया है अथवा नहीं तथा उक्त कमरों पर किसका अध्यासन है?
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इससे ऐसा प्रतीत होता है कि पटवारी की चालानी रिपोर्ट के अनुसार अध्यासी द्वारा विगत एक वर्ष पूर्व से राज्य सरकार की भूमि में अवैध अध्यासन कर भवन निर्माण किया गया है।
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वादी गरीब व्यक्ति है और वादी उक्त दुकान पर होटल चलाकर जीविकोपार्जन करता है तथा उक्त दुकान वादी के शांतिपूर्ण अध्यासन में है तथा प्रतिवादी से उसका कोई वास्ता या सरोकार नहीं है।
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सेवानिवृत्त कर्मचारियों का अध्यासन अनाधिकृत हो जाने पर भी उनके सेवानिवृत्ति लाभों में से रिकवरी ऐक्ट के अधीन उनकी सम्पत्ति को विक्रय कर दण्डनीय किराया वसूल करने की कार्यवाही की जा सकती है।
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अतः वादी ने प्रतिवादीगण को यू. पी. सी., स्पीड पोस्ट एवं पंजीकृत पावती से नोटिस दिनॉकित 14.10.06 प्रेषित करते हुये उनकी अनुज्ञप्ति को समाप्त कर प्रश्नगत सम्पत्ति से अपना अध्यासन हटाने के लिये कहा।
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अधीनस्थ न्यायालय द्वारा याचित अनुतोष हेतु भूखण्ड संख्या 98 के ही वाद पत्र के मानचित्र में अक्षर क, ख, ग, घ से प्रदर्शित सम्पत्ति पर वादीगण का स्वामित्व व अध्यासन मान लिया गया है।
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प्रतिवादीगण सं0-1 लगायत 3 को जरिये स्थायी व्यादेश आदेशित किया जाता है कि वे वादीगण को प्रश्नगत मकान से बिना विधिक प्रक्रिया अपनाये बेदखल नहीं करेगें तथा उनके शान्तिपूर्ण अध्यासन में हस्तक्षेप नहीं करेगें।