| 41. | तुम तो हो धरती से ऊपर की कोई परी, हम हैं जीवन की एक अनबुझी सी जलन।
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| 42. | आज वह इक पूरा रेगिस्तान मुझको सौंप गया.... । एक अनबुझी प्यास जगा गया.... ।
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| 43. | बादलों में सिमटी उस पानी की बूँद को पाना चाहती हूँ, जिससे मिट जाए यह अनबुझी प्यास ।
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| 44. | इससे प्रकट होता है, अभी क्रांति की आग बुझी नहीं / यह यथार्थपरक है, कोई पहेली अनबुझी नहीं
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| 45. | तुम तो हो धरती से ऊपर की कोई परी, हम हैं जीवन की एक अनबुझी सी जलन।
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| 46. | रिश्ते-नाते, घर-बार सब छोड़ के प्यास फिर भी मेरी अनबुझी रह गई आकर पनघट पर,प्यासी रही ज...
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| 47. | रिश्ते-नाते, घर-बार सब छोड़ के प्यास फिर भी मेरी अनबुझी रह गई आकर पनघट पर,प्यासी रही ज
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| 48. | उसके तन बदन अनबुझी आग बाकी थी, मैंने सुबह उठते ही रसोई की तरफ़ दौड़ लगा दी।
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| 49. | फ़िर भी उन्हे फ़िर पा जाने की आस बनी रहती है, उनसे स्नेह की अनबुझी प्यास बनी रहती है….
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| 50. | बादलों में सिमटी उस पानी की बूँद को पाना चाहती हूँ, जिससे मिट जाए यह अनबुझी प्यास ।
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