अनुकंपी स्नायु तंत्र से प्राप्त इनपुट गुर्दे में वाहिकासंकीर्णक (vasoconstriction) को अभिप्रेरित करता है, जिससे वृक्कीय रक्त प्रवाह में कमी आती है.
42.
सचेत प्रतिक्रिया (Alarm reaction): सामान्य अनुकूलन संलक्षण की पहली अवस्था जिसमें अधिवृक्कीय और अनुकंपी क्रिया के जरिए उर्जा के सक्रियण द्वारा आपाती प्रतिक्रिया होती है।
43.
माइक्रोफोनों से अनुकंपी विरूपण सामान्यतः निम्न-श्रेणी (अधिकांशतः तृतीय अनुकंपी) प्रकार का होता है, और अतः, यहां तक कि 3-5% पर भी, यह बहुत अधिक श्राव्य नहीं होता.
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माइक्रोफोनों से अनुकंपी विरूपण सामान्यतः निम्न-श्रेणी (अधिकांशतः तृतीय अनुकंपी) प्रकार का होता है, और अतः, यहां तक कि 3-5% पर भी, यह बहुत अधिक श्राव्य नहीं होता.
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[6] अनुकंपी स्नायु तंत्र से प्राप्त इनपुट गुर्दे में वाहिकासंकीर्णक (vasoconstriction) को अभिप्रेरित करता है, जिससे वृक्कीय रक्त प्रवाह में कमी आती है.
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सौषुम्नीय और अनुकंपी तंत्रिकाओं में यही विशेष भेद है कि प्रथम प्रकार की तंत्रिकाओं में एक ही न्यूरोन होता है जो उत्तेजना को सुषुम्ना से अंतिम स्थान तक पहुँचाता है।
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सौषुम्नीय और अनुकंपी तंत्रिकाओं में यही विशेष भेद है कि प्रथम प्रकार की तंत्रिकाओं में एक ही न्यूरोन होता है जो उत्तेजना को सुषुम्ना से अंतिम स्थान तक पहुँचाता है।
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सौषुम्नीय और अनुकंपी तंत्रिकाओं में यही विशेष भेद है कि प्रथम प्रकार की तंत्रिकाओं में एक ही न्यूरोन होता है जो उत्तेजना को सुषुम्ना से अंतिम स्थान तक पहुँचाता है।
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अनुकंपी तंत्र के अतिरिक्त भी कुछ अन्य तंत्रिकाओं में ऐसी ही रचना होती है, अर्थात् दो न्यूरोन पाए जाते हैं, जो अनुकंपी की ही भाँति उत्तेजना का संवहन और वितरण करते हैं।
50.
अनुकंपी तंत्र के अतिरिक्त भी कुछ अन्य तंत्रिकाओं में ऐसी ही रचना होती है, अर्थात् दो न्यूरोन पाए जाते हैं, जो अनुकंपी की ही भाँति उत्तेजना का संवहन और वितरण करते हैं।