एसए पाटिल, पूसा संस्थान के करनाल स्थित क्षेत्रीय कार्यायल के तत्कालीन हैड डा. एसएन सिन्हा, गेहूं निदेशालय के डा. वीएस त्यागी, सरसों अनुसंधान निदेशालय भरतपुर के तत्कालीन निदेशक डा. अरविंद कुमार, मूंग के प्रजनक वैज्ञानिक डा.
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कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के मक्का अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ. आर. साई कुमार तथा चावल अनुसंधान निदेशालय में फसल सुधार विभाग की अध्यक्ष डॉ. एन. शोभा रानी को संयुक्त रूप से एमएस स्वामीनाथन अवॉर्ड दिया गया है।
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कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के मक्का अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ. आर. साई कुमार तथा चावल अनुसंधान निदेशालय में फसल सुधार विभाग की अध्यक्ष डॉ. एन. शोभा रानी को संयुक्त रूप से एमएस स्वामीनाथन अवॉर्ड दिया गया है।
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नारायणसामी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के तुम्लापल्ली क्षेत्र में भारी मात्रा में यूरेनियम की खोज की गई है और परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय ने आंध्रप्रदेश के कडप्पा जिले में तुम्लापल्ली में 63, 269 मीटरी टन यूरेयिनम के स्रोतों का पता लगाया है।
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गेहूं अनुसंधान निदेशालय (डीडब्ल्यूआर) की प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. इंदु शर्मा ने बताया कि सितंबर महीने में होने वाली बारिश से किसान खेतों में नमी को दबा कर रख लेते थे जिससे रबी फसलों की बुवाई के लिए खेतों की सिंचाई नहीं करनी पड़ती थी।
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गुरुवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि जनवरी 2012 की स्थिति के मुताबिक परमाणु ऊर्जा विभाग के परमाणु खनिज अन्वेषण और अनुसंधान निदेशालय ने देश में 175010 टन यूरेनियम स्रोतों का पता लगाया है.
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अधिकारियों के इस दल में राष्ट्रीय सीड्स कारपारेशन के महाप्र्रबंधक डॉ. उन इमयरबन, मक्का अनुसंधान निदेशालय दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. साईंदास, एनएससी के अध्यक्ष एवं प्र्रबंध निदेशक डॉ. एस के रंगूटा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के सहायक महानिदेशक डॉ. जे एस संधू सहित कई उच्चाधिकारी शामिल थे।
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चण्डीगढ़–चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार द्वारा किसानों को गाजर घास के नुकसान व इसके नियंत्रण के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से आयोजित गाजर घास जागरुकता सप्ताह वीरवार सम्पन्न हो गया। इस अभियान को विश्वविद्यालय के शस्य विज्ञान विभाग द्वारा खरपतवार अनुसंधान निदेशालय के सहयोग से चलाया गया था। इस अभियान दौरान []
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2001-4, कपास खण्ड़वा 2, खण्ड़वा 3, जवाहर कपास 4, जवाहर ताप्ती, जे.के. 5, जे.के.एच.वॉय 1, जे.के.एच.वॉय 3, जे.सी.सी. 1 एवं विक्रम एवं ज्वार की जवाहर ज्वार 741, जवाहर ज्वार 938, जवाहर ज्वार 1041, जवाहर ज्वार 1022, सी.एस.एस. 18 किस्मों को अनुसंधान निदेशालय द्वारा दस्तावेजीकरण हेतु पौध किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण, भारत सरकार, नई दिल्ली में भेजा गया।
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भवाली। आमतौर पर सिक्किम में पाए जाने वाले प्याज एवं लहसुन की जंगली प्रजाति दुंगदुंगे का स्वाद सब्जी के रूप में अब अपने राज्य के लोग भी उठा सकेंगे। निगलाट स्थित राष्ट्रीय पादप आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीपीजीआर) और प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय पुणे महाराष्ट्र के संयुक्त प्रयासों द्वारा जननद्रव्य अन्वेषण के दौरान प्याज, लहसुन की इस जंगली प्रजाति का संग्रह किया गया है।