ये समविभव पृष्ठ दृष्ट गुरुत्व अर्थात् गुरुत्वाकर्षण और घूर्णन जन्य अपकेंद्री बल (centrifugal force) के संयुक्त प्रभाव, की दिशा पर लंब होंगे और संख्या में कितने ही होंगे इनमें से जो माध्य सागर तल के निकटतम है उसे पृथ्वीतल माना जाता है और उसे भू समुद्रतलाभ, या जियोइड (Geoid), कहते हैं।
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धूमकेतु घूर्णन करता है वैसे वैसे उसका हल्का द्रव्यमान, केवल अपकेंद्री बल के कारण दूर क्षिप्त हो जाता है जैसे जैसे धूमकेतु सूर्य के चारों ओर घूर्णन करता है उसका हल्का द्रव्यमान उसकी पुच्छ की दिशा में स्थित किसी तारे द्वारा आकर्षित हो जाता है सूर्य द्वारा उत्सर्जित विकिरण धूमकेतु पर भैज्य दाब डालता है जिससे उसकी पुच्छ सूर्य से दूर क्षिप्त हो जाती है धूमकेतु की पुच्छ सदैव एक ही अभिविन्यास में रहती है