…हां, महाजनी सभ्यता और उसके गुरगे अपनी शक्ति भर उसका विरोध करें, उसके बारे में भ्रमजनक बातों का प्रचार करेंगे, जनसाधारण को बहकावेंगे, उसकी आंखों में धूल झोंकेंगे, पर जो सत्य है उसकी विजय होगी ही।
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पर जो सागर है बूंद बूंद से ही तो-वो सागर होता है! तुम्हें एक कदम बढ़ाना है, मैं भी-अपनी शक्ति भर चलूंगी, छोटे-छोटे प्रयोगों में ही वृहद् सत्य उजागर होता है!
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मैं अपनी शक्ति भर शासकों को उनकी प्रजा की परिस्थितियों का सही परिचय देना चाहता हूं और प्रजा को उनके शासकों द्वारा स्थापित विधि व्यवस्था से परिचित कराना चाहता हूं, ताकि जनता को शासन अधिकाधिक सुविधा दे सके।
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मंत्रिमंडल और डायरेक्टरों के बहुत से हिमायतियों ने अपनी शक्ति भर इस आरोप का खंडन किया, और फिर अचूक मि. ह्यूम ने बहस का सार पेश करते हुए मंत्रियों से मांग की कि अपना बिल वे वापिस ले लें।
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हां, महाजनी सभ्यता और उसके गुरगे अपनी शक्ति भर उसका विरोध करें, उसके बारे में भ्रमजनक बातों का प्रचार करेंगे, जनसाधारण को बहकावेंगे, उसकी आंखों में धूल झोंकेंगे, पर जो सत्य है उसकी विजय होगी ही।
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और वो राह शायद वही है कि बिना किसी बात कि चिंता किये हुए अपनी शक्ति भर राम राज्य के स्वप्न को साकार करने, सदभाव के राम-सेतु का निर्माण करने-भले ही रेत को इकठ्ठा कर ही-लेकिन गिलहरी की तरह जुट जाए.
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पंचतंत्र की एक उक्ति के अनुसार, दैव अथवा भाग्य को भूलकर अपनी शक्ति भर कार्य करो, सोए हुए सिंह के मुख में मृग स्वयं नहीं प्रवेश करता है [न हि सुप्तस्यसिंहस्यप्रविशंतिमुखेमृगा:]।हमारे चिंतकों ने चरैवेति, चरैवेति[चलते रहो, चलते रहो] का सिद्धांत प्रतिपादित किया है, जिसका तात्पर्य जीवन-यात्रा से है।
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हाँ महाजनी सभ्यता और उस के गुर्गे अपनी शक्ति भर उस का विरोध करेंगे, उस के बारे में भ्रमजनक प्रचार करेंगे, जनसाधारण को बहकायेंगे, उस की आँखों में धूल झोंकेंगे, पर जो सत्य है, एक न एक दिन उस की विजय होगी और अवश्य होगी।
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अब अक्सर वीरेंद्र के फोन आने लगे....वो उन्हें अपनी शक्ति भर ढाढस बताती रहती. हमेशा निराशावादी बातें करते..“अब क्या करूँगा जीकर...कैसी नौकरी...अब रिजायीन कर दूंगा..किसके लिए पैसे कमाना है..” वो उन्हें समझाती रहती..वही सैकड़ों बार कही बातें दुहराती रहती..“जानेवाला तो चला गया...अब जीना तो पड़ेगा..वगैरह..वगैरह ”
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हम एक आदमी के रूप में इस जानवर को परिभाषित करने के लिए या एक संप्रभु दुनिया और शैतान से सक्षम है, दोनों प्रशंसा का हिस्सा है और दुनिया के सबसे मनुहार, अपनी शक्ति भर में फैली क्षेत्रों पीड़ा, और सताना आस्था जिसका केंद्रित है हमारे प्रभु यीशु मसीह के लिए.