(एन. एस. मीणा) न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, भोपाल (म0 प्र0) (एन. एस. मीणा) न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, भोपाल (म0 प्र0) प्रकरण में यह स्वीकृत तथ्य हैं कि सह अभियुक्त मनोज सक्सैना अभियोजन प्रकरण हैं कि प्रार्थी लोकेश कुमार गुप्ता 6, चर्च रोड, पूर्व से फरार हैं तथा उसकी अनुपस्थिति में ही अभियोग-पत्र प्रस्तुत किया हैं।
42.
अतः आरोपी का कृत्य धारा-25 आर्म्स एक्ट के तहत दण्डनीय पाये जाने से उसे मौके पर ही गिरफतार कर थाना मंगलवारा लाया गया तथा अपराध क्रमॉंक-190 / 08 अन्तर्गत धारा-25 आयुघ अधिनियम की प्रथम सूचना पत्र लेखबद्ध कर अपराध की कायमी की गई और प्रकरण में विवेचना की गई और प्रकरण में विवेचना उपरान्त यह अभियोग-पत्र प्रस्तुत किया गया।
43.
अतः आरोपी का कृत्य धारा-25 आर्म्स एक्ट के तहत दण्डनीय पाये जाने से उसे मौके पर ही गिरफतार कर थाना हनुमानगंज लाया गया तथा अपराध क्रमॉंक-615 / 07 अन्तर्गत धारा-25 आयुघ अधिनियम की प्रथम सूचना पत्र लेखबद्ध कर अपराध की कायमी की गई और प्रकरण में विवेचना की गई और प्रकरण में विवेचना उपरान्त यह अभियोग-पत्र प्रस्तुत किया गया।
44.
इसके बाद प्रार्थी द्वा रा घटना की थाना गौतम नगर जाकर रिपोर्ट की जिसे अपराध क्रमॉंक-95 / 06 अन्तर्गत धारा-341,294,327/34 भा. द. वि. एवं 323 भा. द. वि. के लेखबद्ध कर अपराध की कायमी की गई एवं प्रार्थी का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया एवं प्रकरण में विवेचना की गई और विवेचना उपरान्त यह अभियोग-पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
45.
तमाम मर्दों और उनकी सामंती-बेरहम-ज़ालिम सत्ता के ख़िलापफ तमाम आज़ाद आत्माओं वाली औरतों की तरफ से एक अभियोग-पत्र! इस एकल नाटक में सारा एक जगह अपने शौहर को ‘ यज़ीद ' कहकर बुलाती है तो एक और जगह कहती हैः ‘ तुम्हें जब भी कोई दुख दे / तो उस दुख का नाम ‘ बेटी ' रखना।
46.
प्रकरण में विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन अंकित किये गये, मौका का नक्शामौका बनाया गया, नुकसानी पंचनामा तैयार किया गया एवं आरोपी को गिरफ्तार किया जाकर अन्य आवश्यक विवेचना पूर्ण करने के उपरांत अधीनस्थ न्यायालय में अपीलार्थी/आरोपी के विरूद्ध अभियोग-पत्र प्रस्तुत किया गया, जिसमें विचारण उपरांत अधीनस्थ न्यायालय द्वारा अपीलार्थी/आरोपी को उपरोक्तानुसार सिद्धदोष पाते हुये दण्डित किया गया।
47.
घटना उमर, नदीम व अन्य लोगों ने देखी हैं, इसके बाद फरियादी आसिफ द्वारा थाना निशातपुरा में घटना की रिपोर्ट की गई व उसकी रिपोर्ट पर अपराध क्रमॉक-175/08 अन्तर्गत धारा-294,323,506,327/34 भा. द. वि. की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर फरियादी आसिफ का मेडीकल कराया गया और प्रकरण में विवेचना की गई और विवेचना उपरान्त यह अभियोग-पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
48.
जिसकी हमीदिया अस्पताल में उसने रिपोर्ट की थीं जिसे देहाती नालसी पर 0 / 06 पर दर्ज कर उसे थाना श्यामला हिल्स पर नम्बर पर दर्ज करने हेतु भेजा गया जिसे थाना श्यामला हिल्स में अपराध क्रमॉक-124/06 अन्तर्गत धारा-279,337 भा. द. वि. की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर प्रकरण में विवेचना की गई और विवेचना उपरान्त यह अभियोग-पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
49.
उन्होने अभियोजन-स्वीकृति के लिये निदेशक, खान विभाग, उदयपुर से विचार-विमर्श कर अभियोजन-स्वीकृति प्रदर्श पी16 प्राप्त की और अनुसन्धान से अभियुक्त चन्दाराम के विरूद्ध भ्रष्टाचार आपराधिक प्रकरण सं0 76/2005 राज्य विरूद्ध चन्दाराम-6-निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 और 13 (1) (डी) (2) के अपराध प्रकट होना पाते हुये पत्रावली चौकी प्रभारी अर्जुनसिंह को सौंपी जिन्होंने इस मामला का अभियोग-पत्र तैयार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया।
50.
अनुसन्धान के दौरान गवाहान के बयान लिये गये तथा समस्त औपचारिकताये पूरी कर व अभियुक्त कालूराम के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की 7 और 13 (1) (डी) सपठित धारा 13 (2) एवं भारतीय दण्ड संहिता की धारा 120-बी के अपराधों में अभियुक्त कालुराम व कैलाशशंकर के विरूद्ध चार्जसीट तैयार की जाकर सहायक निदेशक, अभियोजन के जरिये अभियोग-पत्र न्यायालय में पेश किया गया।