प्रत्येक मनुष्य को, जो विकास के लिए खड़ा है, रूढ़िगत विश्वासों के हर पहलू की आलोचना तथा उन पर अविश्वास करना होगा और उनको चुनौती देनी होगी।
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प्रत्येक मनुष्य को, जो विकास के लिए खड़ा है, रूढ़िगत विश्वासों के हर पहलू की आलोचना तथा उन पर अविश्वास करना होगा और उनको चुनौती देनी होगी.
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जो भी व्यक्ति प्रगति के लिये स्वयं को खडा करता है उसे पुरातन मतों के हर पहलू की आलोचना, अविश्वास करना होता है और चुनौती देनी ही होती है।
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वैश्वीकरण तो भारत जैसे देश के लिए कैंसर से कम नहीं है लेकिन सारी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद नक्सलवादी हिंसा का समर्थन करना भारत के संविधान के प्रति अविश्वास करना होगा.
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यही तो खास बात है आज की दुनिया में कि सब अविश्वासी हैं पर फिर भी सब पर यकीन करना पड़ता है तथा जो विश्वासी हैं उन पर अविश्वास करना पड़ता है.
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शेखर ने अविश्वास करना नहीं सीखा था, लेकिन आज न जाने क्यों उसके मन में आया कि जो लोग निमन्त्रण नहीं स्वीकार कर रहे हैं, वे खाने के डर से ही वैसा कर रहे हैं।
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प्रकृति से रागात्मक संबंध, उस पर चेतन व्यक्तित्व का आरोप, रहस्य को व्यक्त करनेवाली जटिल उक्तियाँ, भक्तिजनित आत्म-निवेदन आदि बिना कोई संस्कार छोड़े हुए अंतर्हित हो गए, यह समझना मानव-चेतना की संश्लिष्टता पर अविश्वास करना होगा।
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यह रजाई उन लोगों के लिए अमूल्य वस्तु हो सकती है, जो रात भर ठंड में ठिठुरते हैं, उस गरीब साधु के लिए भी यह बेशकीमती वस्तु होगी लेकिन इसे लेकर सब पर अविश्वास करना उसको गवारा नहीं ।
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प्रत्येक मनुष्य कोजो विकास के लिए खड़ा है रूढ़िगत विश्वासों के हर पहलू की आलोचना तथा उन पर अविश्वास करना होगा और उनको चुनौती देनी होगी प्रत्येक प्रचलित मत की हर बात को हर कोने से तर्क की कसौटी पर कसना होगा.
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इसका कारण, कुछ लोगों को तो अभी पता ही नहीं है, पर अधिकांश लोगों को पता होने के बाद भी मर रहे हैं या डॉक्टरों के चक्कर लगाते रहते हैं, इसका कारण केवल और केवल बिना कर्म किए अविश्वास करना है।