| 41. | प्रिय आत्मन, जैसा कि आप जानते हैं कि हमने आजकल कुछ भी बोलना छोड दिया है.
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| 42. | तब तो यह अपरिवर्तनीय नहीं-और जो परिवर्तनशील हो वह आत्मन नहीं हो सकता ।
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| 43. | बेशक कितने ही इन अनुभवों को आत्मन / आत्मा के अस्तित्व से जोड़ते रहें हैं.
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| 44. | प्रिय आत्मन, जैसा कि आप जानते हैं कि हमने आजकल कुछ भी बोलना छोड दिया है.
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| 45. | जो अमर है, अनादि है, अनन्त उसी निर्वीकार,सर्वशक्तिमान,सर्वव्यापी आत्मन को जानने दो…”
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| 46. | नवीन गुप्ता, मोहाली आत्मन नवीन जी प्रणाम ईश्वर की दया से हम सब कुशलता से हैं।
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| 47. | बाबा ताऊआनंद प्रवचनमाला भाग-2 प्रिय आत्मन, पिछला साल बीत चुका है और नव वर्ष आगया है.
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| 48. | और एक महत्वपूर्ण बात कही गई है वह यह कि-यदन्यैषां हितं न स्यात् आत्मन: कर्म पौरुषम् ।
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| 49. | पॉल विलियम्स के अनुसार, आत्मन / ब्राह्मण विचार के अद्वैतवाद में एकरूपता समझाई जा सकती है।
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| 50. | आत्मा या आत्मन, परमात्मा या परमात्मन के अर्थ भी जीव-जगत के बोध तथा परम-सŸाा बोध से हैं।
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