महिलाओं को उनके आत्मसम्मान, आत्मसुरक्षा और आत्मनिर्भरता के प्रति जागरूक करने के लिए समय-समय पर नारी जागृती आन्दोलन चलाये जाते रहे हैं, और बहुत हद तक इसका प्रभाव समाज की वर्तमान परिस्थियों पर देखा जा सकता है...
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वर्मा ने कहा कि इस गाड़ी में महिलाओं के लिए अलग कोच की व्यवस्था होने से महिलाओं में आत्मसुरक्षा का भाव मजबूत हुआ है और उन्हें यात्रा करके विभिन्न कार्यक्रमों व जीवन को उद्देश्य परक बनाने में आगे बढने की प्रेरणा मिलेगी।
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ज्ञापन के बाद प्रदर्शन की अगुवाई कर रही राजेश नेहरा ने कांड के आरोपियों को कठोरतम दंड व पीड़िता को त्वरित न्याय के दिलाने के लिए फास्ट टैकृक अदालतों तथा कामकाजी महिलाओं के लिए अनिवार्य आत्मसुरक्षा प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया।
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लेकिन इसी के बरक्स, और मैं फिर उसी सवाल पर लौट रहा हूँ, कि यह माँ आत्मसुरक्षा की स्थापित प्रविधियों का अतिक्रमण करते हुए, अपने आत्म का विस्तार करते हुए एक नितान्त परम अज्ञात को अपना लेती है और उसी में अपने अस्तित्व की सार्थकता का निवेश करती है।
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हममें से जो भी इस बाबद गंभीर हों, उन्हें अपने स्वयं को नई उमंग से भरना होगा, लेकिन वैसी नई उमंग हमारे भीतर तभी प्रबल होगी कि जब हम उन मूल्यों से अपना नाता तोड़ लें, जिनको हमने अपनी आत्मसुरक्षा और आक्रामक इच्छाओं से गढ़ रखा है।
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लेकिन इसी के बरक्स, और मैं फिर उसी सवाल पर लौट रहा हूँ, कि यह माँ आत्मसुरक्षा की स्थापित प्रविधियों का अतिक्रमण करते हुए, अपने आत्म का विस्तार करते हुए एक नितान्त परम अज्ञात को अपना लेती है और उसी में अपने अस्तित्व की सार्थकता का निवेश करती है।
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कहासुनी की हास्यास्पद आत्मसुरक्षा के बीच यह कविता एक निरीह, कातर और लहूलुहान कर देने वाली विडम्बना की आख्या है, जिसमें अंतर्पीडा, व्यंग्य, और तथाकथित नगरीय पिपासा के समानांतर उन प्रश्न-चिन्हों को खड़ा किया गया है जिनमें आधुनिक संस्कृति और परम्परागत संस्कार के अंतर्मन गुंथे-धंसे हुए हैं.
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जिस दौर में सिर्फ अपनी ही आत्मसुरक्षा के तर्क के साथ बहुत सारे लोग सत्ता के सम्मोहक जाल और प्रलोभन में फंसे हुए हैं और व्यवहार में जनता से बिलकुल कटते जा रहे हैं, उस दौर में ऐसे रचनाकारों की स्मृति हमें जनता और उसके आंदोलनों के प्रति प्रतिबद्ध बने रहने की ताकत देती है।
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सवाल है कि सलवाजुडुम को लेकर जब सुप्रीमकोर्ट यह सवाल खड़ा करता है कि राज्य किसी को भी बंदूक कैसे थमा सकता है, और राज्य सरकार जबाब देती है कि इन आदिवासियो की सुरक्षा की उसे चिंता है और आदिवासी आत्मसुरक्षा को लेकर राज्य से गुहार लगा रहे है तो राज्य के सामने भी कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
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अब इसके विपरीत जरूरत है कि हम लड़की को बचपान से ही नैतिक शिक्षा के साथ आत्म सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित करें और ये प्रशिक्षण अनिवार्य स्कूल स्तर पर ही शुरू किया जाय क्योंकि व्यक्तिगत रूपसे हर अभिभावक इतना समर्थ नहीं हो सकता है कि वह इसके लिए तैयार हो और आत्मसुरक्षा हर लड़की के लिए जरूरी है.