पर्याप्त आधार के बिना भला वह क्यों सब्र करेगा? ' अच्छे का नतीजा अच्छा ', या ' भले का परिणाम भला ' वाला नीतिबल तो कब का नष्ट हो चुका होता है।
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यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि इस मुख्य आधार के बिना ही आज विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और इसका स्तर ऊँचा उठाने का प्रयासकर हम विश्वस्तरीय प्रगति की दौड़ में शामिल होने का सुनहरा सपना देख रहे हैं।
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यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि इस मुख्य आधार के बिना ही आज विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और इसका स्तर ऊँचा उठाने का प्रयासकर हम विश्वस्तरीय प्रगति की दौड़ में शामिल होने का सुनहरा सपना देख रहे हैं।
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जहां हर ट्रैक टैंक इतना अच्छा नहीं है, जो चारों ओर से शिकायत करने के लिए कूदता है, शिकायत और एक के रूप में मूल देश युद्ध को समझने का कोई ठोस आधार के बिना तुलना-तुलना करने के लिए रूपरेखा.
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यद्यपि उत्तरी काली पॉलिश के मृदभांडों की संस्कृति से सम्बन्धित बहुत से ग्रामीण स्थलों का उत्खनन नहीं हो पाया है, किन्तु मध्य गंगा की घाटी में विभिन्न शिल्प विधाओं, व्यापार एवं शहरीकरण एक सुदृढ़ ग्रामीण आधार के बिना अकल्पनीय है।
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इस प्रारूप में ऐसी धाराएँ शामिल थी जो अलोकतांत्रिक और गुपचुप तरीके से पर्याप्त वैज्ञानिक आधार के बिना और दुष्प्रभावों का व्यापक आंकलन किये बिना ही नियमों को शिथिल करके जीएम फसलों को जल्दी मंजूरी देने की वकालत कर रहे थे।
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बहुत सारी बेतुकी धाराओं के बीच इस बिल की सबसे चौंकाने वाली धारा 63 है, जो ‘ सबूतों और किसी वैज्ञानिक आधार के बिना जीएम फसलों के प्रति जनता को गुमराह करने की कोशिश ' पर जुर्माने और दंड की सिफारिश करती है.
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रेलवे कर्मचारी पुलिस ग़लती से हिरासत में या किसी भी आधार के बिना हिरासत में था और किसी भी अभियोजन पक्ष के बिना जारी है, वह पूरा वेतन और भत्ते के लिए पात्र हो सकता है यदि सक्षम प्राधिकारी के रूप में पूरी तरह से अनुचित निलंबन लगता है हो सकता है.
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समाजवादी आन्दोलन की आज की यह स्थिति है कि जो इस आन्दोलन से व्यवहार के स्तर पर अब भी जुडे+ हैं वह किसी प्रवुद्ध वैचारिकता, किसी दृढ़ विश्वास, किसी प्रखर चेतना और किसी जीवन्त चिन्तन, विवेचन, निरीक्षण और अन्वेषण पर आधारित आज के लिए प्रासंगिक बौद्धिक आधार के बिना पुरानी लकीर के फकीर बने हुए हैं।
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जिस प्रकार चाँद के बिना शीतलता और सूर्य के बिना उष्णता का एहसास किसी भी सूरत में हांसिल नहीं किया जा सकता उसी प्रकार आधार के बिना किसी भी भौतिक सुख-दुःख और सोच का इतना महत्व नहीं हैं अब इनका क्या है आधार ……… जिसे आप खुद पढ़ चुके हैं जो है केवल इनका संक्षिप्त विस्तार, भ्रमित ना हों क्योंकि यहीं हैं विकट परिस्थितयों भरी निर्णायक परीक्षा जिसमे केवल छिपी हैं खुद की मानवीय व्यवहारिक कर्म ज्ञान की इच्छा