उक्त वाद के दौरान गुरूबचन दास से भूमि स्थित खसरा नम्बर 48 / 25 क्षेत्रफल 0.113 हेक्टेअर व खसरा नम्बर 48/26 क्षेत्रफल 0.167 हेक्टेअर व खसरा नम्बर 48/27 क्षेत्रफल 0.72 हेक्टेअर कुल 0.3520 हेक्टेअर स्थित ग्राम भोपतवाला कलां परगना ज्वालापुर तहसील व जिला हरिद्वार आपत्तिकर्ता अखाडे़ ने द्वारा अपने स्थानीय मुकामी महन्तान व महन्त राजेन्द्र दास व महन्त मोहनदास द्वारा क्रय कर ली है और आपत्तिकर्ता को महन्त गुरबचनदास के सब अधिकार प्राप्त हो गये हैं।
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उक्त वाद के दौरान गुरूबचन दास से भूमि स्थित खसरा नम्बर 48 / 25 क्षेत्रफल 0.113 हेक्टेअर व खसरा नम्बर 48/26 क्षेत्रफल 0.167 हेक्टेअर व खसरा नम्बर 48/27 क्षेत्रफल 0.72 हेक्टेअर कुल 0.3520 हेक्टेअर स्थित ग्राम भोपतवाला कलां परगना ज्वालापुर तहसील व जिला हरिद्वार आपत्तिकर्ता अखाडे़ ने द्वारा अपने स्थानीय मुकामी महन्तान व महन्त राजेन्द्र दास व महन्त मोहनदास द्वारा क्रय कर ली है और आपत्तिकर्ता को महन्त गुरबचनदास के सब अधिकार प्राप्त हो गये हैं।
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अस्थाई निषेधाज्ञा के विरूद्ध अपीलार्थी द्वारा प्रस्तुत आपत्ति में यह कथन है कि इस विवादित भूमि पर वादी न तो काबिज है और ना हीं वह इस सम्पत्ति का मालिक है, बल्कि आपत्तिकर्ता (लक्ष्मीदत्त शर्मा अपीलार्थी) का यह कथन है कि असल मालिक ईश्वरी दत्त तथा उसके मध्य दिनांक 19-2-86 को बिक्री हेतु सौदा तय हुआ और शपथकर्ता द्वारा नौ हजार रूपये ईश्वरी दत्त को अदा किये और यह प्लाट 10,500/-रूपये में तय हुआ, 1500/-रूपये रजिस्ट्री अदा करने थे।
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प्रतिवादीगण द्वारा प्रस्तुत आपत्ति विरूद्ध अस्थाई निषेधाज्ञा के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि ग्राम राजनगर का खाता संख्या-56 के खसरा नं0-9 रकबा 2. 023 हैक्टेयर भूमि का वादी वर्ग-8 का मौरूसी काश्तकार है, लेकिन प्रतिवादीगण ने आपत्ति 16ग/1 में यह स्पष्ट किया गया है कि इस खसरा नम्बर-9 के कुल रकबा 2.023 हैक्टेयर में से 0.404 हैक्टेयर भूमि दिनांक 1-6-98 को वादी ने प्रतिवादी संख्या-1 आपत्तिकर्ता के हक में बेच दी थी और तब से वह इस विवादित सम्पत्ति पर काबिज है।
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इसके विपरीत प्रतिवादीगण की ओर से 6ग प्रार्थना पत्र के विरूद्ध आपत्ति 16ग / 1 प्रस्तुत की और कहा कि वादी ने ग्राम राजनगर, परगना किलकरी, तहसील सितारगंज, जिला ऊधम सिह नगर के खाता संख्या-56 के खसरा नं0-9, जिसका कुल रकबा 2.023 हैक्टेयर है, मध्ये 0.404 हैक्टेयर भूमि दिनांक 1-6-98 को आपत्तिकर्ता के हक में बेच दी थी और कब्जा भी प्रतिवादी संख्या-1 को दे दिया था और तब से वह इस भूखण्ड पर काबिज है और कागजात माल में बतौर कब्जेदार प्रतिवादी संख्या-1/आपत्तिकर्ता का कब्जा दर्ज है।