वायुमंडल के निचले भाग को (जो प्राय: चार से आठ मील तक फैला हुआ है) क्षोभमंडल (Troposphere), उसके ऊपर के भाग को समतापमंडल (Stratosphere) और उसके और ऊपर के भाग को आयनमंडल (Ionosphere) कहते हैं।
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यहाँ पर अत्यधिक ठंडी और लम्बी शरदकाल की रातों में आयनमंडल अनेक घंटों तक सौर विकिरण से बचा रहता था तथा इसके कारण अनेक घंटों तक सौर विकिरण से बचा रहता था तथा इसके कारण रेबर के एन्टेना एरे को काफी लम्बे अर्से तक रेडियो तरंगें मिलती रहती थीं।
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यहाँ पर अत्यधिक ठंडी और लम्बी शरदकाल की रातों में आयनमंडल अनेक घंटों तक सौर विकिरण से बचा रहता था तथा इसके कारण अनेक घंटों तक सौर विकिरण से बचा रहता था तथा इसके कारण रेबर के एन्टेना एरे को काफी लम्बे अर्से तक रेडियो तरंगें मिलती रहती थीं।
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पूर्व में आयनमंडल में होने वाले विक्षोभ (पर-तर-बेशन) का सम्बन्ध भूकंप से पूर्व ज़मीन के नीचे से भूकंप पूर्व रिसने वाली रे-दोन गैस,गुरूत्वीय तरंगों आदि से जोड़ा जा चुका है.हाथी घोड़ों भेडियो सर्पों,मच्छियों के व्यवहार में भूकंप पूर्व होने वाले बदलावों को भी दर्ज किया गया है.कहतें हैं भूकंप से पहले घोड़े अस्तबल से भाग खड़ें होतें हैं,सर्प बिलों (बाम्बिओं)से बाहर निकल आतें हैं ।
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मंगल ने अपना मेग्नेटोस्फेयर ४ अरब वर्ष पहले खो दिया है, [78] इसीलिए सौर वायु मंगल के आयनमंडल के साथ सीधे संपर्क करती है, जिससे उपरी परत से परमाणुओं के बिखरकर दूर होने से वायुमंडलीय सघनता कम हो रही है | मार्स ग्लोबल सर्वेयर और मार्स एक्सप्रेस दोनों ने इस आयानित वायुमंडलीय कणों का पता लगाया है जो अंतरिक्ष में मंगल के पीछे फ़ैल रहे है |[78][79] पृथ्वी की तुलना में, मंगल ग्रह का वातावरण काफी विरल है | सतही स्तर पर ६००
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मंगल ने अपना मेग्नेटोस्फेयर ४ अरब वर्ष पहले खो दिया है, [75] इसीलिए सौर वायु मंगल के आयनमंडल के साथ सीधे संपर्क करती है, जिससे उपरी परत से परमाणुओं के बिखरकर दूर होने से वायुमंडलीय सघनता कम हो रही है | मार्स ग्लोबल सर्वेयर और मार्स एक्सप्रेस दोनों ने इस आयानित वायुमंडलीय कणों का पता लगाया है जो अंतरिक्ष में मंगल के पीछे फ़ैल रहे है |[75] [76] पृथ्वी की तुलना में, मंगल ग्रह का वातावरण काफी विरल है | सतही स्तर पर ६००