ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई ने कहा है कि ईरान के दुश्मनों का कहना था कि वह आर्थिक बहिष्कार द्वारा ईरानी राष्ट्र को बेबस कर देंगे लेकिन इसमें उन्हें नाकामी हुई और हमने अल्लाह की कृपा से कई क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धियां और सफलताएं हासिल की।
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ज्ञात हो कि नागरिक अधिकार मंच और युवा संवाद द्वारा 2009 में गाडरवारा तहसील के चार गाव नान्देर, मड़गुला, देवरी और टेकापार में अहिरवार समुदाय (दलित) के लोगों के साथ ऊॅची जाति के समुदाय द्वारा किये गये सामाजिक / सांस्कृतिक और आर्थिक बहिष्कार को लेकर फैक्ट फाईडि़ग किया जा चुका है।
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जब से अरब देशों में पेट्रोल की खोज हुई, तब से वहाँ की अर्थव्यवस्था का स्वरूप बिलकुल बदल जाने से वहाँ के लोगों का कम से कम आर्थिक रूप से भाग्य बदल चुका है और उधर अमेरिका की जिद पर इराक के आर्थिक बहिष्कार और दो-दो युद्धों के कारण कभी के समृद्ध इराकी आज भयानक बरबादी झेल रहे हैं।
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और ऐसे में हमसे कहा जाता है कि गुजरात को विकास के एक मॉडल के रूप में स्वीकार किया जाये, क्या हुआ जो वहां अब भी एक पूरे समुदाय का आर्थिक बहिष्कार जारी है, क्या हुआ जो वहां अब भी दंगे के शिकार लोगों का पुनर्वास नहीं हुआ, क्या हुआ जो वहां फिल्मों पर अघोषित प्रतिबंध लगा दिये जाते हैं और पेंटिंग्स जलायी जाती हैं.
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इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाह हिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने नये हिजरी शम्सी वर्ष 1392 के अवसर पर विश्व के समस्त मुसलमानों को बधाई दी और ईरानी जनता के नाम अपने संदेश में कहा कि ईरान के शत्रुओं का कहना था कि वह आर्थिक बहिष्कार के माध्यम से ईरानी राष्ट्र को असहाय कर देंगे किन्तु इसमें उन्हें पराजय हुई और हमने ईश्वर की कृपा से विभिन्न क्षेत्रों में बहुत सी सफलताएं अर्जित कीं।