हमारे देश भारत में 89 प्रकार की भूसम्पदाएं हैं-लोहा, कोयला, ताम्बा, सोना, चांदी, हीरा, एल्यूमिनियम आदि धतुएँ तथा गैस व पेट्रोल से लेकर बहुत से मिनरल्स हैं इन सबके ज्ञात भण्डार (रिजर्वस) का यदि आर्थिक मूल्यांकन किया जाए तो यह करीब 10 हजार लाख करोड़ रुपये होते है।
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प्रशुल्क का मूल्यांकन, वित्तीय पैकेज, वित्तीय मानकों; निर्माण व पूरा लागत के दौरान ब्याज, थोक बिजली टैरिफ संरचना की परीक्षा, राज्य बिजली बोर्डों का प्रदर्शन, आयात शुल्क में छूट के लिए जांच, प्रमाण पत्र और विदेशी मुद्रा की रिहाई, सह बिजली की नीतियों और परियोजनाओं की आर्थिक मूल्यांकन विद्युत क्रय करार की परीक्षा, कानूनी मामलों पर सलाह, विनियम तैयार करने के लिए समन्वय / मानक आदि, बाह्य सहायतित योजनाओं के लिए समन्वय
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सूचना पानेवाले इतने खुश होंगे, यह तो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था! मैंने किया ही क्या था? धर्मेन्द्र ने जो सूचना मुझे दी थी, वही तो मैंने आगे बढ़ाई थी? अपने घर में बैठे रहकर कुछ फोन ही तो किए थे? किन्तु सबको कितना सुख मिला? मेरी जेब से तो कुछ नहीं गया किन्तु मित्रों को कितना आनन्द आया? कितना सुख मिला? इसका कोई आर्थिक मूल्यांकन सम्भव है?