| 41. | ये बुरुश, वस्तुत: आर्मेचर से संबद्ध दिक्परिवर्तक (commutator) पर आरोपित होते हैं और संभरण से संबद्ध होते हैं।
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| 42. | दिष्ट धारा जनित्र के आर्मेचर में भी इसी प्रकार की वोल्टता प्रेरित होती है, पर एक दिक्परिवर्तक (
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| 43. | परंतु दिष्टधारा जनित्रों में, आर्मेचर घूमनेवाला होने के कारण उसके आकार में बहुत वृद्धि करना संभव नहीं था।
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| 44. | प्रत्यावर्ती धारा जनित्र, सामान्यत:, स्थैतिक आर्मेचर और परिभ्रमणशील क्षेत्र के सिद्धांत पर आधारित होते हैं।
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| 45. | चालकों को एक निश्चित व्यवस्था के अनुसार योजित किया जाता है, जिसे आर्मेचर कुंडलन (Armature winding) कहते हैं।
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| 46. | इसलिए उच्च वोल्टता जनित करनेवाले प्रत्यावर्ती धारा के जनित्र बनाए गए, जिनमें आर्मेचर स्वैतिक था और क्षेत्र परिभ्रमणशील।
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| 47. | इसलिए उच्च वोल्टता जनित करनेवाले प्रत्यावर्ती धारा के जनित्र बनाए गए, जिनमें आर्मेचर स्वैतिक था और क्षेत्र परिभ्रमणशील।
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| 48. | ये कुंडलियाँ आर्मेचर कुंडलन से श्रेणी में संबद्ध या समांतर में संबद्ध या समांतर में संबद्ध हो सकते हैं।
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| 49. | परंतु दिष्टधारा जनित्रों में, आर्मेचर घूमनेवाला होने के कारण उसके आकार में बहुत वृद्धि करना संभव नहीं था।
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| 50. | ये कुंडलियाँ आर्मेचर कुंडलन से श्रेणी में संबद्ध या समांतर में संबद्ध या समांतर में संबद्ध हो सकते हैं।
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