| 41. | इति श्री इलाहाबाद यात्रा कथा अंतिम अध्याय समाप्त: ।
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| 42. | ‘‘ यं शैवाः समुपाते शिव इति ब्रह्मेति वेदांतिनो
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| 43. | ‘ तदोषौ शब्दार्थौ सगुणावन लङ्कृती क्वापि इति काव्यम्।
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| 44. | प्रलपन्विसृजन्गृह्णन्नुन्मिषन्निमिषन्नपि । इन्द्रियाणीन्द्रियार्थेषु वर्तन्त इति धारयन् ॥५-९॥
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| 45. | इति अल्लोपनिषद में अल्लाह और मुहम्मद का वर्णन:
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| 46. | इति यानी पूर्णता के बारे में कहने वाले।
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| 47. | इति स्त्रिया मकार प्रत्यते-आजादित्वाट्ठापि-ईक्षा शब्दों निष्पन्न: ।
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| 48. | अथ केन ब्रह्माणं क्रियत इति त्रय्या विद्ययेति ब्रूयात्।
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| 49. | इति अन्तर अकुलाइ रहे हरि, जसुमति मधुरै गावै।
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| 50. | गिरिणदी। गिरिनदी। चक्रणदी। चक्रनदी। चक्रणितम्बा। चक्रनितम्बा। इति गिरिनद्यादिः।
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