| 41. | इन्द्रियों का बसेरा कहाँ है?
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| 42. | इन्द्रियों का कार्य ही मन के आधार पर होता है।
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| 43. | इस प्रकार प्राण, प्रज्ञा और इन्द्रियों का अन्योन्याश्रित सम्बन्ध है।
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| 44. | ऐसी मुग्धावस्था में कैसे साहचर्य हो भिन्न इन्द्रियों का.
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| 45. | तो ये है इन्द्रियों का भगवान् के लिए समर्पण.
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| 46. | रखने वाले, अपनी इन्द्रियों का संयम कर ज्ञान लभते हैं।
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| 47. | इस प्रकार प्राण, प्रज्ञा और इन्द्रियों का अन्योन्याश्रित सम्बन्ध है।
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| 48. | इन्द्रियों का वह विषय नहीं है।
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| 49. | चक्षु इन्द्रियों का चक्षु प्रभु, एक मात्र प्रेरक है वही।
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| 50. | इन्द्रियों का व्यापार हमें विषयों में आसक्त करता है ।
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