| 41. | मैं पूर्व दिशा से एक उकाब को, अर्थात् दूर देश से अपनी योजना को पूरी करनेवाले एक पुरुष को बुलाता हूं।
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| 42. | 11. मैं पूर्व से एक उकाब पक्षी को अर्थात दूर देश से अपनी युक्ति के पूरा करने वाले पुरूष को बुलाता हूं।
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| 43. | उकाब ने नफरत से उसे देखा और कहा, “ये तुमसे किसने कहा कि हम और तुम एक ही परिवार से हैं?”
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| 44. | और हमारे हिस्से बचे थे यही गिद्ध, बाज, उकाब, चील और लंबी चोच और पैर वाले हिंसक शिकारी पक्षी।
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| 45. | बुलंदी से गिद्ध खाना देखता है, उकाब निशाना देखता है, इंसान घराना देखता है और कबूतर सिर्फ ठिकाना देखता है.
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| 46. | चाहे तू उकाब की नाई ऊँचा उड़ता हो, वरन तारागण के बीच अपना घोंसला बनाए तो भी मैं तुझे वहाँ से नीचे गिराऊंगा।
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| 47. | विविध रंगरूप, पंखों और पंजों की बनावट वाले चील, उकाब, बाज़ और गिध्द यहां पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं ।
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| 48. | उकाब ने कछुए की तरफ नीचे देखा और कहा, “जमीन पर रेंग के चलने वाले, तुम्हें किस बात पर इतनी हँसी आ रही है?”
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| 49. | उकाब ने नफरत से उसे देखा और कहा, “ ये तुमसे किसने कहा कि हम और तुम एक ही परिवार से हैं? ”
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| 50. | सहवाग में बड़ी आग है तुंदिये वादे मुखालिफ से न घबरा ए उकाब (चील) ये तो चलती हैं तुझे और भी ऊंचा उड़ाने के लिए।
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