इस वर्ष उन जातकों का भाग्योदय हो रहा है, जो अपनी आजीविका या नौकरी में उच्चपद पर आसीन हैं या किसी रचनात्मक कार्य से जुड़े हैं।
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उपरोक्त जन्म एवं चंद्र चक्रों में इन ग्रहों एवं भावों का संबंध किसी जातक को सुख-संपदा, ऐश्वर्य एवं उच्चपद प्राप्ति का उपभोग कराने में सक्षम है।
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फिर सीधे उच्चपद पाने के लिए एक खास परिवार में पैदा होना होता हैं, इस लिए जो हुआ हैं उसकी ताजपोशी कि तैयारी चल ही रही हैं.
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आपके आत्मसम्मान की भावना का इसी समय साक्षात्कार होता है जब अपने से निम्न स्तर के यूरोपीय अध्यापक की आपसे उच्चपद पर नियुक्ति पर आपने त्यागपत्र दे दिया।
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योजनाएं, संतान, धर्म-कर्म और उच्चपद के लिये प्रयास आपको तुरन्त करने चाहिये अन्यथा इसमें समय लग जायेगा अभी वर्तमान इसके लिये शुभफल देने को तैयार हैं ।
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फिर सीधे उच्चपद पाने के लिए एक खास परिवार में पैदा होना होता हैं, इस लिए जो हुआ हैं उसकी ताजपोशी कि तैयारी चल ही रही हैं.
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गुरु दशमेश होकर यदि त्रिकोण (1, 5, 9) में हो तो जातक निश्चय ही उच्चपद प्रतिष्ठित होकर सांसारिक सुखों का भोक्ता और यशस्वी होता है।
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श्री नारायण दत्त तिवारी और नर्मदा आंदोलन की नेता सुश्री मेघा पाटकर की मकर लग्न में एवं शनि भाग्य में उच्च का है वह राजनीति में उच्चपद पर अवश्य जायेंगी।
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इस स्थिति में धन की हानि होती है एवं पिता से अच्छे सम्बन्ध नहीं रह पाते हैं. शुक्र जब बारहवें घर में होता है तब धन और उच्चपद प्रदान करता है.
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उच्चपद, अच्छा वेतन,ऐश्वर्य, सभी सुविधाएं उसे प्राप्य थीं,मन मर्जी की मालिक थी वह,उसे अपने जीवन की व्यस्तता में कभी विवाह की आवश्यकता अनुभव नही हुई,सम्पूर्ण स्वतंत्रता थी उसे।