फिर वृक्ष पर ही इतना दर्द क्यों उड़ेलना? वृक्ष की मौत से दुनिया को क्यों परेशान करते हो? प्रकृति के अस्तित्व-विनाश पर इतने हैरान क्यों होते हो? अरे राजा नहीं रहा।
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मेरा मन खाने से अधिक बाहर की धूमधाम में स्वयं को सम्मिलित करना चाहता था पर हमारे मेजबानों का मन भारतीय परम्परा का पालन करते हुए खाने के माध्यम से अपना अपनत्व उड़ेलना चाहता था।
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ऐसे क्षणों में जब मुण्ड धीपकर घूमने लगता है तो अपनी सीमा का ज्ञान होने के चलते वह वहां तो खून का घूंट पीकर रह जाते हैं किंतु यहां आकर अपना दर्द उड़ेलना हं भूलते।
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दोहों में गद्य की तरह विस्तार की गुंजाइश नहीं रहती, कम शब्दों में एक परिवेश एक भाव, एक मानसिक कुन्हासा उड़ेलना होता है, महेंद्र जी के दोहे इस कसौटी पर खरे उतरते हैं.
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निकालना, भरना और उड़ेलना-किसी चीज़ को भरना और खाली करना अच्छा तरीका है “ भरा ” और “ खाली ” की धारणा को समझने का और शिशु की पूर्णता की भावना को विकसित करने का।
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बिलकुल दिल खोल के धर दिया है, कबीर दास जी के शब्दों में कहें तो 'जस की तस धर दीनी चदरिया'!अपने को ज़बरई उड़ेलना और रूहानी-टच के साथ लिखना बहुत फ़र्क पैदा करता है.आप ऐसे ही लिखते रहें,अपनी थकावट तो दूर करेंगे ही,हम सब भी लहा-लोट हो जायेंगे!
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मंदिर परिसर जहां ‘राधा प्यारी ने जन्म लिया है कुंवर किशोरी ने जन्म लिया है ' के सामूहिक स्वरों से गूंज उठा, वहीं मंदिर में बनी हौदियों से हल्दी मिश्रित दही का गोस्वामियों पर उड़ेलना शुरु हुआ तो वे नृत्य कर उठे और बीच-बीच में एक दूसरे को बधाई देने लगे।
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वह अन्नपूर्णा उसकी अपनी धरती माँ, उसे अपने धानी आँचल में, आश्रय देना चाहती है, पछिया के तेज बयार को सोख, अपना संपूर्ण ममत्व उड़ेलना चाहती है, लेकिन, नित दिन असहाय होता, उसका अपना अस्तित्व, उसे आत्मबलिदान करने से रोकता है, वह किसान बैरी हवा को कोसता है।
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सजनी को साजन से इतना प्यार चाहिये और साजन को भी इतना प्यार उड़ेलना है कि अयुक्ति की इंतहाँ हो जाय! जिन हल, बैल, खेतों के कारण उत्सव मनाने लायक अन्न घर में आया, उन्हें ही बेंच कर इस चैत महीने गहना गढ़ा दो! और तो और यह घर ही बेंच दो जिसकी मैं घरनी हूँ!!
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और माध्यमों की तुलना मे मीडिया जगत सम्प्रेषण का बेहद शक्तिशाली माध्यम बन कर उभर रहा है और हमारे जीवन मे संगीत की तरह इनसे प्रेसित खबरे गूँजती बहती रहती है ऐसे मे रोज रोज छपती नेगेटिव खबरे और उनकी भयावहता को दिमाग पर पहुचना कुछ ऐसा है जैसे सवेरे खाली पेट मे गरिष्ठ भोजन उड़ेलना.... असर दूरगामी होगा ही...