हर मरीज यह चाहता है कि उसे जो भी बीमारी है, उसका इलाज सबसे बेहतर किस सिस्टम में है / उसे आयुर्वेद का इलाज कराना चाहिये या एलोपैथी का इलाज कराना चाहिये या होम्योपैथी का इलाज कराना चाहिये या यूनानी का अथवा प्राककृतिक चिकित्सा या योग का या सर्जिकल बीमारियों की कौन कौन सी स्तिथियां किन किन बीमारियों को ठीक करने के लिये उप्युक्त हैं /
42.
हर मरीज यह चाहता है कि उसे जो भी बीमारी है, उसका इलाज सबसे बेहतर किस सिस्टम में है / उसे आयुर्वेद का इलाज कराना चाहिये या एलोपैथी का इलाज कराना चाहिये या होम्योपैथी का इलाज कराना चाहिये या यूनानी का अथवा प्राककृतिक चिकित्सा या योग का या सर्जिकल बीमारियों की कौन कौन सी स्तिथियां किन किन बीमारियों को ठीक करने के लिये उप्युक्त हैं /
43.
पूरी तरह समई होना खलबली के लिये ठीक होना के लिये उपयुक्त होना काम के उपयुक्त बनाना धृष्ट-पुष्ट सही बैठना समाना तन्दुरुस्त बनाना दौरा पड़ना तन्दुरुस्त पूरी तरह समई होना दौरा पड़ना काम के उपयुक्त बनाना लायक होना समुचित बनाना काम के उप्युक्त बनाना समुचित बनाना लोचा के लिये उपयुक्त होना स्वस्थ बनाना काम के उप्युक्त बनाना दुरूस्त संगत होना पिटारा दम घुटना दौरा के लिये ठीक होना नाप का घोड़े की लगाम कायापलट
44.
पूरी तरह समई होना खलबली के लिये ठीक होना के लिये उपयुक्त होना काम के उपयुक्त बनाना धृष्ट-पुष्ट सही बैठना समाना तन्दुरुस्त बनाना दौरा पड़ना तन्दुरुस्त पूरी तरह समई होना दौरा पड़ना काम के उपयुक्त बनाना लायक होना समुचित बनाना काम के उप्युक्त बनाना समुचित बनाना लोचा के लिये उपयुक्त होना स्वस्थ बनाना काम के उप्युक्त बनाना दुरूस्त संगत होना पिटारा दम घुटना दौरा के लिये ठीक होना नाप का घोड़े की लगाम कायापलट
45.
इस में कोई सन्देह नहीं कि इस से रोकना (इसकी अनुमति न देना), गलत धारणा के द्वार को बंद करना है, विशेष रूप से हमारे इस ज़माने में ; क्योंकि जब अधिकांश सहाबा व ताबेईन ने उन पवित्र और श्रेष्ठ युगों में जबकि उन के दिलों में ईमान पहाड़ों से भी अधिक था, इसे नापसंद किया है, तो उस का हमारे इस समय में-जो कि फित्नों (उद्रवों) और परीक्षणों का समय है-उस को नापसंद करना अधिक योग्य और उप्युक्त है।