| 41. | . ऋषभ उवाच एक शहर है कडुवा सच...
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| 42. | जनक उवाच-प्रकृत्या शून्यचित्तो यः प्रमादाद भावभावनः ।
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| 43. | बोधिसत्व की शांता, मेरी टिप्पणी और एक उवाच
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| 44. | अन्य सब-साईट बुनो कहानी व नारद उवाच
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| 45. | गजेन्द्र उवाच गजराज ने (मन ही मन) कहा-
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| 46. | ऋषभ उवाच: शब्दमेघ के दर्पण में
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| 47. | उनका लेखन कालबद्ध है. (नोटपैड उवाच)
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| 48. | सफेदघर और ओझा उवाच भी पढिये, निराश नहीं होंगे!हटाएंप्रत्युत्तर
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| 49. | मोल-भाव गलत है रेलवे स्टेशन पर-काकेश उवाच
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| 50. | घोगरे उवाच अक्षर मोठे करण्यासाठी फोटो वर क्लिक करावे।...
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