उस दिन गोधूलि बेला में हम विशाल सागर के कगार पर खड़े, उस विशाल जहाज को धीरे-धीरे खिसकते हुए देख रहे थे जो इस उष्ण कटिबंध के एक खूबसूरत छोटे-से शहर मोम्बासा में कई-कई यात्रियों को सौंपकर जा रहा था, जिसे मात्र मोम्बासा वासी ही नहीं बल्कि और-और लोग भी उष्ण कटिबंधीय स्वर्ग कहते हैं।
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अप्रैल 2007 में आयी एक रिपोर्ट में चेताया गया है कि बढ़ते तापमान के परिणाम स्वरूप कुछ संक्रामक रोगवाहकों के स्थानिक विस्तार में परिवर्तन हो सकता है, और इनका प्रभाव मिश्रित होगा, जैसे कि अफ्रीका में मलेरिया के क्षेत्र और संचरण क्षमता में कमी या वृद्घि। आई. सी. सी. सी. वैज्ञानिक जो तथ्य पेश करना चाहते थे उसका विश्लेषण है कि जैसे जैसे गर्म तापमान उष्ण कटिबंध से उत्तर दक्षिण की ओर विस्तारित होगा और अधिक ऊंचाईयों की ओर बढ़ेगा, रोगवाहक मच्छर उसके साथ साथ फैलेंगे।