उसे समझ मे नही आ रहा था कि बाबा जी उसे भीतर क्यों नही जाने दे रहे ह एक तो इतनी देर कर ली है न उस्की कोई सहेली बाहर है नादादी ।
42.
वोह पत्नी जो उनके लिए मांग में सिन्दूर भेरती, और करवा चौथ का व्रत रखती, वोह अब घी और चीनी के डब्बों में इतना रमी हुई हैं कि अब वही उस्की सम्पूर्ण दुनिया बन गई हैं।
43.
भला उस्की फ़ोन्ट मेरी फ़ोन्ट से सजीली कैसे? फ़िर युनीकोड आया पर दुनिया के जिस हिस्से में मै रहता हूं वहां ब्लोगिन्ग को हस्तमैथून के बराबर रखते हैं और चेट फ़ोरम हरम क पर्याय है.
44.
पर मैं पूछता हूं कि इस नौबत के पीछे कौ न...? जिस सिक़षा व्य्वस्था को पहले की पीढी ने बनाया विकसित किया उसी पर तो चला यह बैचारा बालक और उस्की खामियों से विकसित हो कर युवक हो गया...
45.
जाने वाले सिपाही से पूछो वो कहाँ जा रहा है जाने वाले सिपाही से पूछो वो कहाँ जा रहा है इश्क है कातिल-इ-ज़िन्दगानी खून से तर है उस्की जवानी हाय मासूम बचपन की यादें हाय दो रोज़ की नौजवानी जाने वाले...
46.
ए स्थति भी तो अफ़सरों ने ही पैदा करी है की इतना पढ लिखकर, मेहनत करने के बाद जो पद मिलता है उसे, और उस्की अहमियत ये नही समझते! कोई नेता के पैर छूता है, कोई जूता साफ करता है!
47.
यही तो शब्द शिल्पी की खासीय्त है कि मौन मे भी शब्द घडता है बेशक कोई उसके शब्द छ्हीन ले मगर उस्की भावनायेण इतनी सशक्त होती हैं कि वो खुद नये शब्द तलाश लेती हैं और इसी का नाम जीवन है शुभकामनाये आप असे ही भाव्मय लिख्ते रहें
48.
क्यो उस्की जिन्दगी उसकी अपनी नही होती, पती और बच्चों के बीच क्यों वो पिस्ने को मजबूर है, पहले मां बाप फिर पति सबके बन्धन मे रह्ती है, और आखिर कार जब सास बनती है तो फिर खुद ही क्यो औरत पर ही करती है वार!!
49.
मै तो बस यही कहुंगा कि इन ही लोगो की भाति किसी भी निश्कर्श पर पहुचंने से बजा जाये अभी जब तक जांच चल रही है, लेकिन हा इन लोगो की प्रतिक्रिया एकपक्षीय थी, फिर कह्ता हूम इन्होने उस्के माता-पिता को बुरा भला कह कर उस्की आत्मा को और दुखी किया!
50.
इसी लिये एक वकील व उस्की पत्नी का मुझे गोद लेना तय हो गया. चु॑कि जब मेरा जन्म हुआ, उस परिवार ने ऐन वक्त पर ठुकरा दिया क्योंकि उन्होने सोचा था कि बेटी होगी!बस तो मेरे माता पिता को, जो उस समय प्रतीक्षा सूची में थे, देर रात के बीच एक फोन आया: “न जाने कैसे, हमे लड़का हुआ है.