| 41. | बालि और सुग्रीव को वानरश्रेष्ठ ऋक्ष राजा का पुत्र भी कहा जाता हे तथा सुग्रीव को इन्द्र-पुत्र भी कहा गया है।
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| 42. | बालि और सुग्रीव को वानरश्रेष्ठ ऋक्ष राजा का पुत्र भी कहा जाता हे तथा सुग्रीव को इन्द्र-पुत्र भी कहा गया है।
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| 43. | एक ओर राक्षस हाहाकार करते हुये भागे जा रहे थे तो दूसरी ओर ऋक्ष एवं वानर राम-लक्ष्मण की जयजयकार करते हुये उन्हें खदेड़ रहे थे।
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| 44. | ' भगवान विस्मित हो कर बोले-' यह क्या? लोक-संग्रह को उत् पन्न करते हो? ' ऋक्ष हाथ जोड़ कर बोला-
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| 45. | एक ओर राक्षस हाहाकार करते हुये भागे जा रहे थे तो दूसरी ओर ऋक्ष एवं वानर राम-लक्ष्मण की जयजयकार करते हुये उन्हें खदेड़ रहे थे।
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| 46. | पर त्रेता युग के जिन ‘ वानर ' एवं ‘ ऋक्ष ' (रीछ) जातियों का वर्णन है, वे हमारी तरह मनुष् य थे।
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| 47. | इसी प्रकार कामरूप (आसाम), ऋक्ष प्रदेश (महाराष्ट्र), वानर प्रदेश (आंध्र) के शासक परस्पर कबीलाई आधार पर बँटेहुए थे.
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| 48. | इन्हें छोड़ उत्तर की ओर दृष्टि डालें तो ध्रुव तारा है और उसके कुछ दूर पूर्व में उदित हुए सप्तर्षि, जिन्हें पहले ऋक्ष (इसी से अंग्रेजी में
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| 49. | इसी प्रकार कामरूप (आसाम), ऋक्ष प्रदेश (महाराष्ट्र), वानर प्रदेश (आंध्र) के शासक परस्पर कबीलाई आधार पर बंटे हुए थे.
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| 50. | पुराणों में नर्मदा की जन्मकथा कई प्रकार से कही गई है-अनादिकाल में भगवान शिव ऋक्ष पर्वत पर ध्यानमग्न थे तभी उनके नीलकंठ से नर्मदा नि: सृत हुई ।
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