याची के प्रस्तुत साक्ष्य से प्रत्यर्थी द्वारा उसकी उपेक्षा करते हुये याची के प्रति क्रूरता का व्यवहार किया जाना एक पक्षीय रूप से साबित पाया जाता है।
42.
इस प्रकार एक पक्षीय रूप से मामले में इस वादबिन्दु का निस्तारण मातहत अदालत ने आवश्यक नहीं समझा है, क्योकि विपक्षी अपना कब्जा साबित नहीं कर पाया है।
43.
पत्रावली के अवलोकन पर मैंने पाया कि अधीनस्थ न्यायालय ने आदेश दि. 0905.2000 इस प्रकार पारित किया है कि "प्रार्थनापत्र 6ग पर एक पक्षीय रूप से सुना गया।
44.
दिनांक 18. 8.10 को वाहन स्वामी पर तमीला जरिये इन्कारी पर्याप्त मानते हुंए वाहन स्वामी के विरूद्ध मुकदमा एक पक्षीय रूप से चलाये जाने का आदेश पारित किया गया है।
45.
प्रस्तुत साक्ष्यों से प्रत्यर्थी सं01 द्वारा याची के प्रति गम्भीर क्रूरता किया जाना एक पक्षीय रूप से साबित पाया जाता है अतः याचिका तदनुसार स्वीकार किये जाने योग्य है।
46.
बंटवारे का वाद एक पक्षीय रूप से दि. 3107.80 को वादी के पक्ष में निर्णित करते हुए न्यायालय द्वारा प्रारम्भिक डिक्री तदनुसार बनाये जाने का आदेश पारित किया है।
47.
याची ने एक पक्षीय रूप से इस तथ्य को साबित किया है कि उभय पक्ष का दिनॉक 23 / 24 अप्रैल 2000 को हिन्दू धर्म के अनुसार विवाह सम्पन्न हुआ था।
48.
उपरोक्त सम्पूर्ण विश्लेषण के प्रकाश में इस न्यायालय का यह अभिमत है कि दावा वादी वास्ते स्थायी व्यादेश विरूद्व प्रतिवादीगण एक पक्षीय रूप से स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
49.
निम्न न्यायालय ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का सही तरीके से अवलोकन न कर एवं अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों को एक पक्षीय रूप से सही मानकर दण्डादेश पारित किया है।
50.
विपक्षी संख्या-2 पर्याप्त तामीली के पश्चात न्यायालय में उपस्थित नहीं आया, जिस कारण उसके विरूद्ध इस वाद की कार्यवाही एक पक्षीय रूप से चलाये जाने का आदेश पारित किया गया।