गले से सम्बन्धित लक्षण:-गले के अन्दर ऐसा महसूस हो रहा हो कि गुच्छेदार गेंद जैसी कोई चीज अटकी पड़ी है, रोगी उसे निगलने की कोशिश अधिक कर रहा हो तथा गले के नीचे तक का भाग सिकुड़ा हुआ हो तो ऐसे लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने के लिए लैक्टुका एसिडम औषधि उपयोग लाभदायक है।
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जी मिचला रहा हो लेकिन खाना खाने के बाद कुछ आराम मिल रहा हो, आमाशय से लेकर गले तक के भाग में जलन हो रही हो और इसके कारण लेसदार कफ अधिक निकल रहा हो, ध्रूमपान करने से रोग के लक्षणों में वृद्धि हो रही हो तो रोग को ठीक करने के लिए लैक्टुका एसिडम औषधि का प्रयोग करना लाभदायक होता है।
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दिल से सम्बंधित लक्षण-दिल के सारे भागों में धड़कन का अनियमित गति से चलना, सांस लेने में परेशानी होना, नाड़ी का कमजोर पड़ना, बाएं फेफड़े किसी चीज के द्वारा काटने जैसा दर्द होना, पुरोहद् दर्द जो बाएं कंधे तक दौड़ता है, महाधमनी की अकर्मण्यता जैसे लक्षणों के आधार पर रोगी को आक्जैलिकम एसिडम औषधि देने से लाभ होता है।
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सांस से सम्बंधित लक्षण-स्नायविक आवाज की खराबी होने के कारण हृदय-यंत्र की विश्रृंखलताएं, गले के अन्दर तक जलन सी महसूस होना, सांस लेने की क्रिया आक्षेपिक, आवाज की नली और छाती का सिकुड़ जाना, गले में खराश होना, बाएं तरफ के फेफड़ों में दर्द होना जो पाचनसंस्थान तक फैल जाता है, सांस लेने में परेशानी होना आदि लक्षणों में रोगी को आक्जैलिकम एसिडम औषधि प्रयोग कराने से लाभ मिलता है।