ऐलुमिनियम काटने के लिए 30रू, ताँबे के लिए 45रू, इस्पात के लिए 55रू-65 डिग्री तथा ढले इस्पात के लिए 65 डिग्री कोण रहना आवश्यक है।
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ऊपरी लाइनें साधारणतया ताँबे के तार की होती हैं, परंतु ऐलुमिनियम तथा इस्पात और ऐलुमिनियम के संयुक्त चालक भी विस्तृत रूप से प्रयुक्त किए जाते हैं।
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ऊपरी लाइनें साधारणतया ताँबे के तार की होती हैं, परंतु ऐलुमिनियम तथा इस्पात और ऐलुमिनियम के संयुक्त चालक भी विस्तृत रूप से प्रयुक्त किए जाते हैं।
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ऊपरी लाइनें साधारणतया ताँबे के तार की होती हैं, परंतु ऐलुमिनियम तथा इस्पात और ऐलुमिनियम के संयुक्त चालक भी विस्तृत रूप से प्रयुक्त किए जाते हैं।
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ऊपरी लाइनें साधारणतया ताँबे के तार की होती हैं, परंतु ऐलुमिनियम तथा इस्पात और ऐलुमिनियम के संयुक्त चालक भी विस्तृत रूप से प्रयुक्त किए जाते हैं।
46.
ऐलुमिनियम काटने के लिए 30 डिग्री, ताँबे के लिए 45रू, इस्पात के लिए 55 से 65 डिग्री तथा ढले इस्पात के लिए 65 डिग्री कोण रहना आवश्यक है।
47.
आयरन ऑक्साइड के साथ ऐलुमिनियम की अभिक्रिया का उपयोग रेल की पटरी एवं मशीनी पुर्जो की दरारों को जोड़ने के लिए किया जाता है, इस अभिक्रिया को कहते हैं।
48.
रायगड़ा व चौद्वार में चीनी व काग़ज़ की तथा ब्रजराजनगर में काग़ज़ की बड़ी मिलें हैं ; अन्य उद्योगों में वस्त्र, कांच ऐलुमिनियम धातुपिंड व केबल और भारी मशीन उपकरण शामिल हैं।
49.
ये वस्तुएं किससे बनाई जाती हैं? उदाहरणार्थ, लकड़ी से मेज, प्लास्टिक से बाल्टी, ऐलुमिनियम से केतली स्टेनलेस स्टील से भोजन पकाने के बर्तन तथा सूत से कपड़े बनते हैं।
50.
क्रोमिक ऑक्साइड और ऐलुमिनियम चूर्ण का मिश्रण बेरियम परॉक्साइड तथा ऐलुमिनियम अथवा मैग्नीशियम के फ्यूज से प्रज्वलित करने पर तापक्षेपी क्रिया होती है, जिसमें क्रोमियम धातु पिघली हुई अवस्था में प्राप्त होती है।