| 41. | सुरा में ऐल्कोहॉल की मात्रा के लिये जिस कच्चे माल का उपयोग होता है, प्राय:
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| 42. | किण्वन में ऐल्कोहॉल की उत्पत्ति किण्वित शर्करा की प्रतिशत की आधी होती है और सिद्धांतत:
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| 43. | हाइड्रोकार्बनों के ऑक्सीकरण से ऐल्कोहॉल ईथर, कीटोन, ऐल्डीहाइड, वसा अम्ल, एस्टर आदि प्राप्त होते हैं।
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| 44. | गलनांक ४१, पानी, ऐल्कोहॉल और ईथर मेंशीघ्र किंतु कार्बन डाइ-~ सल्फाइड, बेन्जीन या क्लोरोफार्म में अल्पविलेय.
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| 45. | आसवन की क्रिया से ऐल्कोहॉल तथा अन्य वांछित गौण उत्पादों को इनसे पृथक किया जाता है।
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| 46. | आसवन की क्रिया से ऐल्कोहॉल तथा अन्य वांछित गौण उत्पादों को इनसे पृथक किया जाता है।
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| 47. | ही ऐल्कोहॉल के नियंत्रित किण्वन में सर्वाधिक प्रयुक्त होता है, यद्यपि कभी कभी अन्य विभेद (
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| 48. | हाइड्रोजनीकरण में एथिल ऐल्कोहॉल, ऐसीटिक अम्ल, एथिल ऐसीटेड, संतृप्त हाइड्रोकार्बन जैसे हाइड्रोकार्बनों में नार्मल हेक्सेन (
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| 49. | गौण उत्पाद अनेक प्रकार के ऐल्डीहाइड, एस्टर, उच्चतर ऐल्कोहॉल तथा वसा अम्ल के रूप में होते हैं।
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| 50. | इस भाँति कीटोन से द्वितीयक ऐल्कोहॉल तथा नाइट्रो यौगिकों से ऐमीन सुगमता से प्राप्त हो जाते हैं।
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