यह तंत्रिका तंत्र को स्थायी बनाता है, प्रजनन संबंधी, ऑटोइम्यून तथा उदर और आँत की बीमारियाँ दूर करता है, अंत:स्रावी तंत्र को नियमित रखता है तथा ग्रंथियों को उत्तेजित करता है.
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जेनेटिक डिसऑर्डर, म्यूटेशन और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसी विनाशक व्याधियों से बचने के लिये नयीपीढ़ी को वैज्ञानिक सन्देश देने वाली ऐसी कहानी गढ़ने के लिये लोककथाकार निश्चित ही साधुवाद के पात्र हैं।
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ऑटोइम्यून डिसि ज ऑटोइम्यून डिसिज उन बीमारियों के समूह में आती है, जिनमें इम्यून सिस्टम हमारे शरीर पर अटैक करता है और टिशूस को नष्ट कर देता है या बदल देता है।
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ऑटोइम्यून डिसि ज ऑटोइम्यून डिसिज उन बीमारियों के समूह में आती है, जिनमें इम्यून सिस्टम हमारे शरीर पर अटैक करता है और टिशूस को नष्ट कर देता है या बदल देता है।
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ठीक इसके विपरीत स्वप्रतिरक्षित रोग (ऑटोइम्यून डिजीज) एक उत्तेजित ऑटो इम्यून सिस्टम के कारण होते हैं जो साधारण ऊतकों पर बाहरी जीव होने का संदेह कर उन पर आक्रमण करता है।
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यह तंत्रिका तंत्र को स्थायी बनाता ह ै, प्रजनन संबंध ी, ऑटोइम्यून तथा उदर और आँत की बीमारियाँ दूर करता ह ै, अंत:स्रावी तंत्र को नियमित रखता है तथा ग्रंथियों को उत्तेजित करता है।
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-विटामिन डी: ऑटोइम्यून समस्या के कारण कम थायरोक्सिन बनना (हाशिमोटोडीजिज) एवं अधिक थायरोक्सिन बनना (ग्रेव्स डिजीज) दोनों ही स्थितियों में विटामिन-डी का पर्याप्त मात्रा में सेवन आवश्यक होता है!
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ऐसे तो डायबीटीज़ के सटीक कारण का पता नहीं है, पर ऑटोइम्यून मिकेनिज्म (इंसुलिन बनाने वाले पैनक्रियाज़ के कुछ हिस्से शरीर के अपने इम्यून सिस्टम से नष्ट हो जाते हैं), को एक कारण माना जाता है।
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यह तंत्रिका तंत्र को स्थायी बनाता है, प्रजनन संबंधी, ऑटोइम्यून तथा उदर और आँत की बीमारियाँ दूर करता है, अंत: स्रावी तंत्र को नियमित रखता है तथा ग्रंथियों को उत्तेजित करता है.
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इस शोध में शामिल वैज्ञानिक डॉ. वायने हैंकॉक ने कहा, ‘ हमें ट्रेग फंक्शन को इस तरह से तितर-बितर करने की जरूरत थी जिससे कि वह ऑटोइम्यून रिएक्शन किए बिना एंटी ट्यूमर एक्टीविटी करे. '