| 41. | मीराँ, थारी स्याम, चरण कँवल री दासी!
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| 42. | सब संतन पर तन मन वारों चरण कँवल लपटाणी।
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| 43. | अन्तरि कँवल प्रकासिका, ब्रह्म वास तहँ होइ ।
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| 44. | श्री कँवल भारती की गिरफ्तारी पूर्णतया अवैधानिक एवं विद्वेषपूर्ण
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| 45. | चांद कँवल / शीन काफ़ निज़ाम
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| 46. | भवँर जो पावा कँवल कहँ, मन चीता बहु केलि।
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| 47. | कँवल बिगस तत बिहँसी देही ।
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| 48. | कँवल कली तू, पदमिनी! गह निसि भएउ बिहानु।
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| 49. | बहुत लाड़-प्यार से कँवल बुरी आदतों का शिकार हो गया।
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| 50. | रंग बिरंगे कँवल से खिलते हैं
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