ठीक सुबह साढ़े पॉंच बजे, जहॉं एक ओर मंदिर मेंघंटा नाद हो रहा था तो दूसरी ओर मस्जिद में अजान गूंज रहीं थी, एक जोरदार कड़कड़ाहट की आवाज फिजा में उभरी, कठफोड़वा अपना काम पूरा कर चुका था।
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यदि किसी स्त्री को प्रसव की तरह दर्द होता है, योनि में खिंचाव महसूस होता, मलवेग रहने के साथ पीठ में तेज दर्द रहता है तथा मासिकधर्म के समय पैरों में खुजली होती है, दांतों में ठण्ड लगने के साथ कड़कड़ाहट रहता है तो ऐसे लक्षणों में इनूला औषधि का प्रयोग करने से रोग समाप्त होता है।
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लड़का अभी अपने पुरुषवादी गुरुर में अट्टहास लगा ही रहा था कि ये क्या, आसमान टूटा, बिजली गिरी, ये कैसी कड़कड़ाहट थी जिसने लड़के के गाल पर अपनी छाप छोड़ दी थी … सारा माहौल थम सा गया, आस-पास से गुजरते लोग भी चौंक पड़े रुक गए ये देखने के लिए आखिर हुआ क्या ….
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आपको बस इतना करना है कि किसी की पसलियों को कुचलते हुए पुलिस के जूते की दहलाने वाली कड़कड़ाहट की तरफ से अपने कान बंद कर लें, आपको बस अपनी आँखें दरिद्रता से, झुग्गी झोंपड़ियों से, सड़कों पर दिखने वाले फटीचर लोगों से ऊपर उठानी हैं और एक टी. वी. मॉनिटर ढूँढना है और आप उस खूबसूरत दूसरी दुनिया में पहुँच जाएंगे।
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शरीर के बाहरी अंगों से सम्बंधित लक्षण-कंधों के बीच के हिस्से में गठिया का दर् द, हिलना, डुलना बहुत मुश्किल हो जाता है, सुन्नपन आ जाना, जोड़ों में कड़कड़ाहट सी होना, पिण्डलियों में ऐंठन आना, पैरों का बर्फ जैसा ठण्डा हो जाना आदि लक्षणों के आधार पर कैम्फोरा औषधि का सेवन बहुत ज्यादा लाभकारी रहता है।
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उस रात वो शहर से लौट रहा था ……… बहुत शाम हो गई और घनघोर वारिश रास्ते में | बिजलियों की रोशनी से ही रास्ते में जो रोशनी हो रही है और वो तेज क़दमों से भागा जा रहा है | बादलों की तेज कड़कड़ाहट उसके क़दमों को धीमा नहीं कर पाती | पेड़ टूटे पड़े हैं रास्तों पर, जानवरों की डरावनी आवाजें ……..
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आपको बस इतना करना है कि किसी की पसलियों को कुचलते हुए पुलिस के जूते की दहलाने वाली कड़कड़ाहट की तरफ से अपने कान बंद कर लें, आपको बस अपनी आँखें दरिद्रता से, झुग्गी झोंपड़ियों से, सड़कों पर दिखने वाले फटीचर लोगों से ऊपर उठानी हैं और एक टी. वी. मॉनिटर ढूँढना है और आप उस खूबसूरत दूसरी दुनिया में पहुँच जाएंगे।
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प्रथम दिन की भागवत कथा समाप्त होते ही वहाँ खड़े बाँस की एक गाँठ बड़ी कड़कड़ाहट के साथ टुट गई इसको टुटते हुए सभी ने देखा और आवाज भी सुनी, पर किसी को यह पता नहीं चला कि यह आखिर क्यों हुआ? कथा के अंत में गोकर्ण ने धुंधुकारी को वहीं बाँस में रहने की हिदायत दी और कहा-‘‘ हे भ्राता! आप निशिचिंत हो जाएँ।
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शरीर के बाहरी अंगों से सम्बंधित लक्षण-रोगी के हाथ और बाजू सो जाते हैं, बांहों का आंशिक पक्षाघात के साथ झटके लगना, टांगों के सुन्न हो जाने के कारण रोगी को ऐसा लगता है जैसे कि उसे लकवा मार गया हो, पिण्डलियों और तलुवों में जलन होना, चलते समय घुटनों में कड़कड़ाहट होना और पैरों को घसीटकर चलना, सुबह के समय पैरों और बांहों में अचानक कमजोरी आ जाना महसूस होना आदि लक्षणों में रोगी को नक्स वोमिका औषधि देना बहुत उपयोगी होता है।