| 41. | अट्टहास करि गर्जéा कपि बढ़ि लाग अकास।।25।।
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| 42. | कपि तुम साचे सेवक समान, लाये बूटी संग द्रोंनगीर
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| 43. | घोतक व गोमुख का छोटा भाई है कपि नारायण।
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| 44. | कपि सुग्रीव राम संग, मैत्री करवाई ।
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| 45. | वृषाकपि-कपि अर्थात श्रेष्ठ, वृष धर्म का नाम है।
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| 46. | में रत कपि मोद-निमग्न थे॥ 9 ॥
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| 47. | हम जो कहा यह कपि नहिं होई।
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| 48. | कपि, केहि हेतु ध री निठुराई।।
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| 49. | प्रेम प्रतीतहि कपि भजै, सदा धरैं उर ध्यान ।
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| 50. | आपने बहुत सही बात उठाई है कपि ल...
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