इसे 10-30 ग्राम तक घी, गेहूं की रोटी या चावल में डालकर खाने से कफ प्रकृति के पुरुषों में मैथुन शक्ति (सहवास) को पैदा करता है।
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पित्त एवं वात् प्रकृति वालों को साम्यावस्था में लाने के लिए कफ प्रकृति राग-रागीनियां यानि श्रृंगार रस के राग खमाज, तिलंग, देश इत्यादि सुनाने चाहिए।
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कफ प्रकृति के व्यक्ति आमतौर पर एक धीमी भक्षक, धीमी गति से कार्य करने वाला व्यक्ति, गहन विचारक, अच्छा निर्णय निर्माता और अच्छा स्मृति धारक व्यक्ति है.
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10-30 ग्राम तक घी, गेहूं की रोटी या चावल में डालकर खाने से कफ प्रकृति के पुरुषों में मैथुन शक्ति को पैदा करता है।
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कफ प्रकृति व्यक्ति आमतौर पर एक धीमी गति से भक्षक, धीमी गति से कार्य करने वाला व्यक्ति, गहन विचारक, अच्छा निर्णय निर्माता और अच्छी याददाश्त धारक व्यक्ति है.
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वृश्चिक-स्थिरसंज्ञक, शुभ्रवर्ण, स्त्रीजाति, जलतत्व, उत्तर दिशा की स्वामिनी, रात्रिबली, कफ प्रकृति, बहुसन्तति, ब्राह्मण वर्ण और अर्द्ध जल राशि है।
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कफ प्रकृति वाले कूप, तड़ाग, बावलियांे, नहरों, नदियों नालों झरनों, फव्वारों जलस्रोतों को स्वप्न में देखकर स्वयं जल का देवता वरुण बन जाना चाहते हैं।
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ज्योतिषीय दृष्टि में वृहस्पति (Jupiter & Astrology) ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जो व्यक्ति बृहस्पति से प्रभावित होते हैं वे कफ प्रकृति के होते हैं और वे मोटे होते हैं.
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कफ प्रकृति वालों को कोई काम दो तो मन में सोच लो कि कफ प्रकृति वाले हैं, जल्दबाजी तो होगी नहीं, जल्दी तो सीखेंगे नहीं, जल्दी करेंगे भी नहीं।
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कफ प्रकृति वालों को कोई काम दो तो मन में सोच लो कि कफ प्रकृति वाले हैं, जल्दबाजी तो होगी नहीं, जल्दी तो सीखेंगे नहीं, जल्दी करेंगे भी नहीं।