मैंने इस बात की जानकारी अपने मुख्य कर्मी दल नियंत्रक श्री जे. प्रसाद को दी! इसके बाद से ही मेरे प्रति षडयंत्र शुरू! दुसरे दिन मेरे लोको इंस्पेक्टर जनाब ताज्जुद्दीन ने बताया की-“ दुःख के साथ कहना पड रहा है की आप का नाम जी. एम्. अवार्ड से बंचित हो गया! इसके पीछे साजिश काम कर गया! ” मुझे भी इस समाचार को सुनकर दुःख हुआ!