पीठ दर्द से बचने के लिए जरूरी है कि कभी भी झुक कर भार न उठाएं, जब भी कुर्सी पर बैठे या चौकड़ी मारकर बैठे तो आगे की तरफ़ झुक न बैठें, घंटों तक बैठना हो तो बीच-बीच में मूव करते रहें।
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इससे न केवल धनी वर्ग का संभावित कर भार कम होगा, किन्तु मलाईदार, जन धन तथा त्याग से बने नवरत्नों, मुक्त सार्वजनिक क्षेत्र में कई तरह से संेधमारी के रास्ते भी हमारे कम्पनी क्षेत्र के तथा शेयर बाजार के स्टोरियों को मिल जायेंगे।
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उदाहरणार्थ, इस संरचना में, किसी वस् तु के उत् पादन से पूर्व पहले निविष्टियों पर कर लगाया जाता है, तथा फिर वस् तु के निविष्टि कर भार के साथ उत् पादन के पश् चात उत् पाद पर पुन: कर लगाया जाता है।
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निर्धारिती द्वारा कार्यान्वित किए गए विभिन्न व्यवसाय अथवा कारोबार के लाभ व नफ़ा को कर में अलग से चार्ज नहीं किया जाता है अर्थात् कर भार को निर्धारिती द्वारा कार्यान्वित किए गए सभी व्यवसायों अथवा कारोबारों से प्राप्त सकल आय के अनुसार प्रस्तुत किया जाता है।
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श्रमण संस्कृति संस्थान, सांगानेर राजस्थान एवं महाकवि आचार्य ज्ञानसागर छात्रावास की स्थापना आपकी प्रेरणा से हुई, जिसमें प्रतिवर्ष 100 श्रमण संस्कृति समर्थक विद्वान तैयार हो कर भार वर्ष में जिनवानी का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं अर्थात सांगानेर को तो विद्वान तैआर करने की खान बना दिया है।
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श्रमण संस्कृति संस्थान, सांगानेर राजस्थान एवं महाकवि आचार्य ज्ञानसागर छात्रावास की स्थापना आपकी प्रेरणा से हुई, जिसमें प्रतिवर्ष 100 श्रमण संस्कृति समर्थक विद्वान तैयार हो कर भार वर्ष में जिनवानी का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं अर्थात सांगानेर को तो विद्वान तैआर करने की खान बना दिया है।
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निर्धारिती द्वारा कार्यान्वित किए गए विभिन् न व् यवसाय अथवा कारोबार के लाभ व नफ़ा को कर में अलग से चार्ज नहीं किया जाता है अर्थात् कर भार को निर्धारिती द्वारा कार्यान्वित किए गए सभी व् यवसायों अथवा कारोबारों से प्राप् त सकल आय के अनुसार प्रस् तुत किया जाता है।
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लोगो इसे चमत्कार मान रहे हैं लेकिन जल संसाधन विभाग का तर्क हैं कि उक्त पानी नवनिर्मित बाकुड़ जलाशय से छोड़ा गया था जो करीब 40 किमी का सफर तय कर भार नदी के माध्यम से ताप्ती तक पहुंचा था और इसी पानी से ताप्ती का यह सूखा समाप्त हुआ है।
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यही नहीं, किस तरह से नयी धातुओं या कार्बन फ़ाइबर का उपयोग कर भार कम किया जा सकता है, किस तरह उसके बल संचरण को बनावट में परिवर्तन कर साधा जा सकता है, किस तरह चेन के स्थान पर सीधे ही पहियों में ही पैडल लगाया जा सकता।
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इन के नष्ट हो जाने से पुन: इनकी ज़रूरत का शून्य बन जाता है और उसकी पूर्ति के लिये पुन: अतिरिक्त कर भार और उसके परिणामस्वरूप बढ़ने वाली मँहगाई का दुष्चक्र आरम्भ हो जाता है जिसका खामियाज़ा चन्द लोगों की ग़लतियों की वजह से सभी को भुगतना पड़ता है ।