देश के स्थानीय प्रशासन में सुधार, कानूनों व नागरिक प्रशासन में आवश्यक सुधार ताकि भारतीयों की भलाई सुनिश्चित हो सके, कर में कमी, जीवन और संपत्ति की सुरक्षा, ईस्ट इंडिया कंपनी के एकाधिकार से राहत, स्थानीय उद्योगों का विकास, लोगों की शिक्षा व उच्च प्रशासनिक सेवाओं में प्रवेश के लिए प्रोत्साहन या विधान सभा की दो-तिहाई सीटें भारतीयों के लिए सुरक्षित करना उनकी मांगें थीं।