| 41. | दाल पकाते समय दाल को बराबर कलछी से चलाना नहीं चाहिअे।
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| 42. | कलछी की सहायता से पलट दीजिये और दूसरी ओर भी सेकिये.
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| 43. | लौटकर उसे कलछी को पोंछने के लिए कोई कपड़ा नहीं मिला।
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| 44. | इसे हल्का-ह्ल्का कलछी से दबाएं, भटूरा फूल कर उपर आ जाएगा.
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| 45. | इनको किसी कलछी की मदद से अच्छे से मसल दें.
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| 46. | गुड़ तोड़ कर कढ़ाई में डालें, कलछी से गुड़ को चलाते जायं.
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| 47. | पूरी को कलछी से हलके से दबा कर तेल में डुबाये रखें।
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| 48. | दो कलछी से अच्छे से सभी सामग्री को आपस में मिलाएँ.
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| 49. | 5. उसकी छाती पर ध्रुवा (बलिकर्म की बड़ी जो कलछी कहलाती है)।
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| 50. | कलछी दाल ओर कितने ही समय रहे, रस न ले सकेगी।
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