सबसे हाल के अध्ययन बताते हैं कि काइटिन पौधों में रक्षा तंत्र का अचछा प्रेरक है.
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काइटिन नाइट्रोजन युक्त संशोधित बहुशर्कराइड है, यह नाइट्रोजन-एसिटाइलग्लूकोसेमाइन (अधिक स्पष्टतः 2-(एसिटाइलएमीनो)-2-डिऑक्सी-ग्लूकोज) का संश्लेषित रूप है.
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सबसे हाल के अध्ययन बताते हैं कि काइटिन पौधों में रक्षा तंत्र का अचछा प्रेरक है.
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काइटिन नाइट्रोजन युक्त संशोधित बहुशर्कराइड है, यह नाइट्रोजन-एसिटाइलग्लूकोसेमाइन (अधिक स्पष्टतः 2-(एसिटाइलएमीनो)-2-डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज) का संश्लेषित रूप है.
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यह फफूंदी (काइटिन से बनी) और बैक्टीरिया की (पेप्टिडोग्लाइकान से बनी) कोशिका भित्तियों से भिन्न होती है.
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काइटिन और काइटोसान को वाहकों के रूप में प्रयोग करके एक जल-घुलनशील प्रोड्रग का संश्लेषण किया गया है.
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वर्गों में कठोर भाग ऐसे पदार्थ के होते हैं जिसे काइटिन कहते हैं, अनेक स्पंज और डायटम (
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सीपदार मछली प्रसंस्करण जैसे उच्च पर्यावरणीय काइटिन स्तर से जुड़े व्यवसायों में दमा की संभावना अधिक रहती है.
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सीपदार मछली प्रसंस्करण जैसे उच्च पर्यावरणीय काइटिन स्तर से जुड़े व्यवसायों में दमा की संभावना अधिक रहती है.
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काइटिन और काइटोसान को वाहकों के रूप में प्रयोग करके एक जल-घुलनशील प्रोड्रग का संश्लेषण किया गया है.