/ / प्रमाणीकरण // नोट: मैं, ज्योतिषाचार्य पं. विनोद चौबे प्रमाणित करता हुं कि यह आलेख मेरा है, इस आलेख को कापी करना दण्डनीय अपराध है, भिलाई बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष वृजमोहन सिंह अथवा वशिष्ठ नारायण मिश्रा के अलावा अन्य किसी समाचार पत्र / पत्रिकाओं अथवा संबंधित अभियानों द्वारा प्रकाशित पुस्तकों में प्रकाशित करने की अनुमती नहीं है, भिलाई बचाओ आंदोलन को प्रकाशित करने का अधिकार होगा।
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कालेज के दिनों में साथ बैठकर पढना, एक-दुसरे के नोट्स में से कापी करना, एक-दुसरे की अटेंडेंस बोलना, सर्दी के दिनो में चिपक-चिपक कर बैठना, बारिश में बाईक दौडाना, वो बारिश में बास्केट्बाल और फ़ुटबाल खेलना, क्लास की लड्कियों से लडना, जन्मदिन पर ज़बरन पार्टी लेना, इम्तिहान में दोस्तों के घर पर एक साथ तैयारी करना, गुर्प डिस्कशन करना, खेल में अच्छा करने के बाद स्टाइल मारना, बार-बार-भाव खाना...
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तो सुन … एक यादव जी भी थे … आर एस वाई, उन्हें ब्लैकबोर्ड भरने में मज़ा आता था, आते ही शुरु हो जाते थे और हम लोग फोटोकापी की मशीन की तरह कापी करना शुरु कर देते … समस्या इन-बिल्ट दिमागी प्रोसेसर के साथ होती, वह प्रोसेस हो रहे डाटा को समझने की कोशिश करता कि ब्लैकबोर्ड पर लिखा क्या है? डी है, ओ है, या ए है … कुछ शरारती तत्व चीखते थे-सर!!