. पाण्डु तथा कामला रोग में स्नेहन करने के लिए कल्याणघृत, पञ्चगव्य घृत तथामहातिक्त घृत का प्रयोग करना चाहिए.
42.
अतः सभी संदिग्ध केसोंमें, जिनमें कामला और रक्त-स्त्रावी अभिव्यक्तियां (ब्लेएडिन्ग् मनिङेस्टटिओन्) मौजूद हों, रुधिर सम्बन्ध (हएमोचुल्टुरे) किया जाना चाहिए.
43.
सामान्यतः जीवन के पांचवें और नवें दिन के बीच ज्वर, अरुचि वमन सुस्ती (वोमिटिन्ग्लेट्हर्ग्य्) कष्टश्वास और कामला होता है.
44.
5 ग्राम त्रिफला चूर्ण गोमूत्र या शहद के साथ एक माह तक लेने से कामला रोग मिट जाता है।
45.
गंदे होटल व रेस्तरां में अधिक समय तक खाने-पीने से पाचन क्रिया विकृति होने पर कामला रोग होता है।
46.
अचानक भयंकर तेज कामला के लक्षण उभर आते हैं मल का रंग पित्त की तरह हो जाता है ।
47.
एरंड की जड़ का रस 6 ग्राम, दूध 250 ग्राम में मिलाकर पिलाने से कामला रोग मिटता है।
48.
ग्राम तक. अनुपान-दूध या छांछ के साथ दें. उपयोग-यह पाण्डु, कामला शोथ, हृदयरोग, उदर-~ रोग आदि को दूर करता है.
49.
कामला (जिसमें आंख, हाथ-पैर पीले हो जाते हैं, पेट बड़ा और शरीर का रंग बरसाती मेंढक जैसा हो जाता है)
50.
इसके पंचाग के 10 मिलीलीटर रस में शहद और मिश्री बराबर मिलाकर पिलाने से कामला रोग नष्ट हो जाता है।