1948 के भारतीय कारखाना अधिनियम के तहत 14 वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों से काम नहीं लिया जा सकता और 1961 के प्रशिक्षार्थी अधिनियम के तहत् 14 वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों को व्यावसायिक प्रशिक्षण नहीं दिया जा सकता लेकिन हाथ करघा और कुटीर उद्योगों में ऐसे बच्चे कार्यरत हैं।
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इसके अलावा जिले के समस्त विधानसभा क्षेत्रों में आने वाले कारखानों में कार्यरत कामगारों को निर्वाचन में अपने मताधिकार का उपयोग करने को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री जैन द्वारा कारखाना अधिनियम 1948 के अंतर्गत जिले के सभी कारखानों के प्रबंधकों या मालिकों को 25 नवंबर को साप्ताहिक अवकाश घोषित करने के निर्देश दिए गए हैं।
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इसका अर्थ है बड़े पैमाने पर ऐसी छोटी वर्कशॉपों, कारखानों, आदि का अस्तित्व में आना जो या तो इतने छोटे हैं (भारत में 10 मजदूर और बिजली के साथ, या 20 मजदूर और बिना बिजली के) कि कानूनी तौर पर वे कारखाना अधिनियम के अन्तर्गत ही नहीं आते और इसलिए राज्य के विनियमन के दायरे से बाहर चले जाते हैं ;
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कारखाना अधिनियम की धारा 1948 में 40-ख के अंतर्गत एक सेफ्टी ऑफिसर की नियुक्ति का प्रावधान रखा गया है एवं सभी राज्य सरकारों को ये निर्देश दिए गए हैं कि वे सरकार द्वारा तैयारकिए गए प्रादर्श नियमों एवं दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी जोखिमपूर्ण कारखानों में सेफ्टी ऑफिसर की नियुक्ति सुनिश्चित करें, क्योंकि बिल्डिंग एवं अन्य कंस्ट्रक्शन कामगार (रेगुलेशन ऑफ एम्प्लायमेंट एंड कंडीशंसस ऑफ सर्विसेस) एक्ट 1996 के अंतर्गत एक सेफ्टी ऑफिसर की नियुक्ति अनिवार्य है।
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कई ऐसे कानून भी बनाए गए हैं जिनसे महिलाएं अपने अधिकारों व हितों की रक्षा कर सकती हैं जैसे पहला है ' कारखाना अधिनियम ' जिसके तहत सामान्यतः तीस से अधिक महिला कामगारों को नियोजित करने वाले हर कारखाने में शिशुग्रह का प्रावधान है और दूसरा है समान 'पारिश्रमिक अधिनियम' जो कि 1961 में बनाया गया था इसके तहत एक ही कार्य या एक ही स्वरूप के कार्य के लिए पुरूष व महिलाओं को एक समान वेतन दिया जाना सुरक्षित है।
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(ढ़) उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण-श्रम सांख्यिकी एकत्र करनाःउद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण (जनगणना) के अन्तर्गत श्रम सांख्यिकीएकत्रीकरण में (इ) कारखाना अधिनियम की धारा २ (ड) और बीड़ी तथा सिगारकर्मकार (रोजगार की दशाएं) अधिनियम, १९६६ के अधीन पंजीकृत ऐसे औद्योगिकप्रतिष्ठानी और (इइ) विद्युत उपक्रमीं में श्रमिक अनुपस्थिति औरउपस्थिति, आय प्रति यूनिट, श्रम और समय लागत संबंधी आंकड़ों को एकत्रकरने की परिकल्पना की गई है, जिसमें ओसतन ५० या अधिक श्रमिक कार्य करतेहैं और जो बिजली का प्रयोग करते हैं या १०० या अधिक श्रमिक कार्य करतेहैं, यदि बिजली का प्रयोग नहीं किया जाता.